प्रिया पांडेय/भोपाल: मध्यप्रदेश समेत देशभर में वीडियो गेम्स को लेकर क्रेज बढ़ता जा रहा है. ये क्रेज अब एडिक्शन तक पहुंच चुका है. मध्यप्रदेश की अगर बात की जाए तो यहां ऐसे कई परिजन हैं, जो लगातार अपने बच्चों में वीडियो गेम मोबाइल एडिक्शन से इतना परेशान है कि वो लगातार चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर से मदद मांग रहे हैं. मोबाइल और वीडियो गेम के प्रति बढ़ता एडिक्शन आजकल बच्चों के लिए तो खतरा तो है ही लेकिन परिवार के लोगों के लिए परिजनों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है.


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अब सबसे पहले अगर चाइल्ड हेल्पलाइन की बात करें तो वह बताते हैं कि उनके पास अक्सर ऐसे केस आते हैं, जिनमें परिजन अपने बच्चों के गेम एडिक्शन से परेशान हैं. वो इतने परेशान है कि कई बार कहते हैं कि कुछ दिन के लिए हेल्पलाइन सेंटर पर ही बच्चों को रहने दीजिए. हेल्पलाइन में कार्यरत राशि अश्वनी बताती हैं कि उनके पास कई केस आते हैं लेकिन दो केस बेहद खास हैं. जिसके बारे में सभी को जानना बेहद जरूरी है.


केस 1 - पेशे से साइकेट्रिस्ट मां अपने ही बच्चे के वीडियो गेम एडिक्शन से परेशान है. इतनी परेशान कि उन्हें अक्सर डायल-100 पर कॉल करना पड़ता है. चाइल्ड हेल्पलाइन की मदद लेनी पड़ती है. इसके बावजूद बच्चे का एडिक्शन नहीं छूट पा रहा है. बच्चा पब्जी की गेम खेलने में व्यस्त रहता है.


केस 2 - वहीं उज्जैन का रहने वाला 11वीं कक्षा का छात्र वीडियो गेम का इतना एडिक्टेड है कि परिवार वालों की डांटने पर वह घर से भाग गया. बच्चे का कहना था कि वह बाहर रहेगा कमाएगा क्योंकि घर वाले उसे वीडियो गेम नहीं खेलने देते.


कोविड-19 के बाद बढ़े केस 
मनोचिकित्सक सत्यकांत त्रिवेदी बताते हैं कि कोविड-19 की तरह गेम एडिक्शन के केस ज्यादा बढ़ गए हैं. कोविड-19 बाद से हर बच्चे के हाथ में फोन हैं. जिसके बाद बच्चे गेम और मोबाइल एडिक्शन के शिकार हो रहे हैं. सत्यकांत त्रिवेदी ये भी बताते हैं कि मोबाइल एडिक्शन बिल्कुल ही शराब या अन्य नशे जैसे कि दिमाग पर काम करता है या एडिक्शन भी दिमाग के उन्हीं पिन पॉइंट को क्लिक करता है जो अन्य नशे के एडिक्टेड लोगों के दिमाग पर होता है.


एमपी में जल्द बैन होगा वीडियो गेम
फिलहाल राहत की बात यही है कि मध्यप्रदेश सरकार जल्द ही वीडियो गेम को बैन करने के लिए कानून लाने वाली है. हालांकि देखना यह होगा कि कानून लाने से एडिक्शन पर कितना फर्क पड़ता है. हाल ही में रविवार को गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घोषणा की थी कि राज्य में जल्द ही ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि गृह विभाग ने ऑनलाइन गेमिंग पर रोक लगाने के लिए कानून का मसौदा तैयार कर लिया है. ऑनलाइन गेमिंग को कानून के दायरे में लाया जाएगा.