Delhi Coaching Centre Deaths Case: दिल्ली में हुए कोचिंग सेंटर में हादसे के बाद भी ग्वालियर में कोचिंग सेंटर संचालक धड़ल्ले से बेसमेंट में कोचिंग संचालित कर रहे हैं. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सख्त निर्देश हैं कि बिना परमिशन और नियम कायदों को ताक पर रखकर चल रहे कोचिंग सेंटर और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में इस्तेमाल हो रहे बेसमेंट पर कड़ी कार्रवाई की जाए.


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ग्वालियर के एमएलबी कॉलोनी में सैकड़ों की संख्या में कोचिंग सेंटर संचालित हैं. इनमें आधा सैकड़ा से अधिक कोचिंग सेंटर बेसमेंट में संचालित किए जा रहे हैं, जबकि ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान का दावा है कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शहर में नगर निगम व्यापक स्तर पर बेसमेंट में संचालित व्यावसायिक और शैक्षणिक गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई कर रहे हैं.


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यहां धड़ल्ले से चल रही बेसमेंट में कोचिंग
ग्वालियर के एमएलबी कॉलोनी में बेसमेंट में संचालित की जा रही कोचिंग पर भले ही अभी ताले लटक गए हों लेकिन चोरी छुपे अभी भी कोचिंग संचालित की जा रही हैं. ऐसे ही एक कोचिंग सेंटर पर बाहर कोचिंग खुलने का इंतजार कर रही छात्रा ने बताया कि वह रोजाना बेसमेंट में संचालित कोचिंग में ही कोचिंग लेने आती है.  कोचिंग सेंटर का जायजा लिया तो हकीकत सामने भी आ गई. सिर्फ नाम मात्र के लिए तलघर में संचालित कोचिंग सेंटर बंद हैं. असल में यहां धड़ल्ले से कोचिंग चल रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि यहां पर दिखावे की कार्रवाई हो रही है. एमएलबी कॉलोनी में बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटर हाई कोर्ट के आदेशों को भी ठेंगा दिखा रहे हैं.


इंदौर में प्रशासन अलर्ट पर
दिल्ली में हुए हादसे में तीन बच्चों की मौत के बाद इंदौर प्रशासन अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है. यहां पर दो बड़ी कोचिंग सेंटरों पर जाकर बेसमेंट में संचालित होने वाली क्लास और लाइब्रेरी के बारे में जानकारी ली. बता दें ऐसी कार्रवाई के लिए इंदौर कलेक्टर द्वारा समिति का गठन भी किया जाएगा, जो निरंतर इस प्रकार की कोचिंग और लाइब्रेरी पर नजर रखेंगे.


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भोपाल में हुई कार्रवाई
इधर, राजधानी भोपाल में भी प्रशासन ने नियम तोड़ने वाले कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की है. एसडीएम आशुतोष शर्मा की टीम ने कौटिल्य और औरस कोचिंग संस्थानों को जांच में लिया. बेसमेंट व आफिस एरिया सीज किया गया. एक हिस्सा जहां सेफ्टी इशू नहीं उस जगह को जांच होने तक चालू रखा, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो.