प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्यप्रदेश (MP News) के छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के इस्तीफे से जुड़े मामले में यह बात सामने आई है कि एक कार्यक्रम में दूसरे देशों के मंत्री बुलाए गए और जिसको लेकर विदेश मंत्रालय से इजाजत नहीं ली गई थी. बता दें कि डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे नियमों को ताक पर रखकर कार्यक्रम करना चाहती थीं और इसी नाराजगी के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया. साथ ही निशा बांगरे को मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन कर भोपाल में अवैध रूप से सरकारी बंगले पर कब्जा करने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है.


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इस्तीफा देने वाली डिप्टी कलेक्टर की बढ़ी मुश्किलें!
इसके साथ ही छुट्टी न मिलने के कारण इस्तीफा देने वाले डिप्टी कलेक्टर की मुश्किलें भी बड़ी हैं. सामान्य प्रशासन विभाग में सरकारी बंगले पर अवैध कब्जे को लेकर नोटिस जारी किया गया है. आपको बता दें कि भोपाल में सरकारी मकान पर अवैध कब्जा करने पर सामान्य प्रशासन विभाग ने नोटिस जारी किया है. भोपाल से छतरपुर स्थानांतरण के बावजूद भोपाल में सरकारी आवास पर कब्जा है.


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इस नियम का निशा बांगरे ने किया उल्लंघन
निशा बांगरे, जो छतरपुर स्थानांतरित होने से पहले भोपाल में डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्यरत थीं, अपने सरकारी आवास के संबंध में नियमों का उल्लंघन करना का आरोप लगा है. बता दें कि शुरुआत में उन्हें भोपाल के चार इमली इलाके में बंगला एफ-5/20 आवंटित किया गया था, बाद में उन्होंने इसकी जगह बंगला एफ-5/27 ले लिया. हालांकि, भोपाल पद से मुक्त होने और छतरपुर में अपना नया पद संभालने के बावजूद, निशा बांगरे ने F-5/27 बंगले पर कब्जा जारी रखा. इस कार्रवाई को मप्र सिविल सेवा आचरण नियम-1965 के नियम-3 का उल्लंघन माना गया है. संपदा निदेशालय ने पहले निशा बांगरे को लिखित रूप से सूचित कर बंगला खाली करने की सलाह दी थी. हालांकि, उन्होंने इस निर्देश का पालन करने में विफल रही थी, जिसके कारण नियमों का उल्लंघन हुआ.