Dev Uthani Ekadashi 2022 Puja Vidhi: आज देव उठनी एकादशी है और आज ही के दिन भगवान विष्णु अपनी 4 महीने की नींद को पूर्ण कर के उठ जाते हैं और इसी के चलते हैं सभी शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. बता दें कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष पर जो एकादशी पड़ती है उसे देव उठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इसे देव उठनी अथवा देव प्रबोधनी एकादशी भी कहा जाता है.


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Tulsi Vivah 2022: देवउठनी एकादशी के दिन करें इस विधि से तुलसी मां की पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना


मान्यता है कि जो लोग देवउठनी एकादशी का व्रत रखकर सच्चे मन से भगवान विष्णु और मां तुलसी की पूजा करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. बता दें कि हिंदू धर्म में चतुर्मास के बाद कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का बहुत महत्व है. देव उठनी एकादशी के दिन तुलसी विवाह का विधान है. आज से ही तुलसी जी के साथ भगवान शालीग्राम का विवाह कराया जाता है तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आज के दिन आपको शालीग्राम और तुलसी का विवाह किस विधि से करना चाहिए.


तुलसी विवाह की पूजा विधि
-पूजा के लिए आपको लकड़ी के दो अलग-अलग चौकियों पर आसन बिछाना है.
-पहली चौकी के नीचे आप मुट्ठी भर अनाज रखें और तुलसी का पौधा भी रखें.
-आसन वाली दूसरे चौकी पर आप शालिग्राम को स्थापित करें.
-बता दें कि दोनों चौकियों के ऊपर गन्ने से मंडप को सजाएं.
-इसके साथ ही आपको एक कलश में जल भी रखना है.
-बता दें कि कलश में पांच या फिर सात आम के पत्ते लगाकर पूजा स्थल पर स्थापित करें.
-इसके बाद आपको शालिग्राम और तुलसी जी के सामने घी का दीपक जलाना है.
-दीप जलाने के बाद आप दोनों को रोली या कुमकुम से तिलक करें.
-बता दें कि आपको तुलसी पर लाल रंग की चुनरी चढ़ानी है.इसके साथ ही तुलसी को चूड़ी, बिंदी आदि से सजाना जरूरी है.


इस दिन है देवउठनी एकादशी 
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 03 नवंबर 2022 की शाम 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी. एकादशी तिथि का समापन 04 नवंबर की शाम 06 बजकर 08 मिनट पर होगा. बता दें कि उदयातिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 04 नवंबर को रखा जाएगा. देव उठनी का पारण सुबह 05 नवंबर की सुबह 06 बजकर 39 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 52 मिनट पर किया जाएगा.


(Disclamer: यहां दी गई समस्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)