मनीष पुरोहित/मंदसौरः आज धनतेरस (Dhanteras) का त्यौहार मनाया जा रहा है. धनतेरस पर भगवान कुबेर (Kuber Devta) की पूजा की जाती है. मध्य प्रदेश के मंदसौर (Mandsaur news) में कुबेर देवता का एक चमत्कारी मंदिर मौजूद है, जिसकी काफी मान्यता है. यह गुप्तकालीन मंदिर है और यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां कुबेर के साथ भगवान शिव की प्रतिमा विराजमान है. ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर यहां बनाया नहीं गया बल्कि यह उड़कर आया है. 


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मंदिर के उड़कर यहां आने की मान्यता इसलिए है क्योंकि इस मंदिर की नींव नहीं है. चूंकि यह मंदिर उड़कर आया है, इसलिए लोग मानते हैं कि इसके आने के दौरान रास्ते में खजाना भी बिखरा होगा और इसी खजाने की खोज में कई लोग यहां रात में खुदाई भी करते हैं लेकिन इस कोशिश में कई लोग पागल हो गए हैं और कई अन्य मुश्किलों में भी घिर गए हैं. बता दें कि मंदसौर की खिलचीपुरा स्थित इस कुबेर मंदिर को लेकर एक और मान्यता है. जिसके मुताबिक यहां की मिट्टी ले जाकर तिजोरी में रखने से यह धन में बदल जाता है और पूरे साल कुबेर देवता की कृपा बनी रहती है. 


धनतेरस पर उमड़ती है भक्तों की भारी भीड़


धनतेरस के दिन भगवान शिव और कुबेर की प्रतिमाओं वाले इस चमत्कारी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. धनतेरस वाले दिन श्रद्धालु मंदिर में विशेष पूजा औ हवन का आयोजन कराते हैं और तड़के से ही मंदिर में भक्तों का आगमन शुरू हो जाता है. मंदिर में आए भक्तों का कहना है कि ऐसी मान्यता है कि धनतेरस पर कुबेर देवता की प्रतिमा के दर्शन करने से ही श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. कुबेर देवता खुश होकर भक्तों को धन-धान्य से परिपूर्ण करते हैं. 


बता दें कि इस बार धनतेरस 22 और 23 अक्टूबर यानी कि दो दिन है. धनतेरस के दिन धन संपत्ति के कोषाध्यक्ष कुबेर, धन की देवी लक्ष्मी और आयुर्वेद के पिता धन्वंतरि की पूजा की जाती है. माना जाता है कि धनतेरस के दिन इनकी पूजा करने से धन, आरोग्य, यश, कीर्ति की प्राप्ति होती है. पूजा पाठ के अलावा इस दिन खरीददारी का भी विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु समृद्धि में वृद्धि करती है.