Dhar News: धार। ज्ञानवापी के बार अब भोजशाला चर्चा में है. मध्य प्रदेश के धार में स्थित भोजशाला परिसर में इन दिनों ASI का सर्वे जारी है. इस दौरान यहां काफी कुछ मिल रहा है जिस आधार पर हिंदू पक्ष कई तरह के दावे कर रहा है. पिछले दिनों भोजशाला में कुछ सीढ़ियां मिली हैं. इन्हें तहखाने के गुप्त रास्ते की तरह देखा जा रहा है. हालांकि, ASI की टीम ने अभी इस राज से पर्दा नहीं उठाया है. हालांकि, टीन की मानें तो वो लगातार इसके लिए काम कर रहे हैं.


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निकल सकता है गुप्त रास्ता
पिछले दिनों ASI के सर्वे के दौरान भोजशाला के पिछले हिस्से में खुदाई में तीन सीढ़ियां मिली थीं. इनपर से फिलहाल पर्दा नहीं हटा है. अभी बीते दो दिनों से वहां कोई खुदाई नहीं हो रही है लिहाजा कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. हालांकि, सीढ़ियों का मिलना इस बात की ओर इशारा कर रहा है की इसके आसपास अगर खुदाई का दायरा बढ़ाया जाय तो निश्चित ही कोई गुप्त रास्ता या भोजशाला के निचे कोई तहखाना (कमरा) भी निकल सकता है.


गर्भगृह के ठीक पीछे सीढ़ियां
भोजशाला के पिछले हिस्से में गर्भगृह के ठीक पीछे सीढ़ियों का होना इस बात की ओर भी इशारा कर रहा है कि शायद प्राचीनकाल में यहां से गोपनीय ढंग से आने-जाने का कोई गुप्त रास्ता रहा हो. ASI के जानकारों को बाहर से बुलाकर विभिन्न पद्धतियों के माध्यम से इसके रहस्य से पर्दा हटाने की कोशिश की जा सकती है. इतिहासकारों की मानें तो पुराने जमाने में महलों, किलों में इस तरह के गुप्त रास्ते सुरंग बनाई जाती थी जो आपातकाल या अचानक हुए आक्रमण के समय भागने में मददगार हों. 


ऐसे पुख्ता होगा प्रमाण
भोजशाला के पिछले हिस्से में मिली सीढ़ियों का राज जब तक साफ नहीं होगा तक तक की विस्तृत खुदाई नहीं होगी. अगर खुदाई के दौरान गुप्त रास्ता या तहखाना मिल जाएगा तो इस बात का पुख्ता प्रमाण हो जाएगा कि यह राजा भोज के द्वारा बनवाई गई इमारत है. क्यों कि कहा जाता है कि राजा भोज वास्तुकला के ज्ञाता थे और ASI की भी सर्वे रिपोर्ट बनाने में बहुत आसानी होगी.


मंदिर या मस्जिद
अब पूरी जांच के बाद पता चल पाएगा कि यह भवन राजाभोज के द्वारा निर्मित मां सरस्वती का मंदिर है या कमाल मौला की मस्जिद. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ASI इस बात का ध्यान रखेगी की धार्मिक ढांचे को किसी प्रकार का नुकसान ना हो.