धार कारम डैम फूटने की जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई, हुआ बड़ा खुलासा
धार जिले में पिछले दिनों टूटे कारम डैम की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है. जिसमें कई बड़े खुलासे हुए हैं. बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद अब सरकार इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकती है.
प्रमोद शर्मा/भोपाल। धार जिले का कारम डैम टूटना मध्य प्रदेश का बड़ा मुद्दा माना जा रहा है. हालांकि डैम के फूटने के बाद वक्त रहते पानी खाली कर लिया गया था, जिससे बड़ा हादसा टल गया. लेकिन पानी निकलने के तुरंत बाद ही सरकार ने डैम को लेकर उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए थे. कारम डैम फूटने जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई है, जिसमें बड़ा खुलासा हुआ है. जांच रिपोर्ट में डैम के फूटने के कई कारण सामने आए हैं.
210 दिन का काम आधे दिनों में किया
दरअसल, सरकार ने धार जिले के कारम डैम के फूटने की जांच रिपोर्ट के लिए एक कमेटी गठित की थी, जिसमें अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा की अध्यक्षता में चार सदस्य शामिल थे. कमेटी ने डैम के फूटने की जांच रिपोर्ट पूरी कर शासन को सौंप दी है. जिसमें बड़े पैमाने पर लापरवाही सामने आई है. जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि डैम का निर्माण करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी ने की लापरवाही की है, जिससे डैम फूटने की नौबत आ गई है. लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डैम बनाने का काम 210 दिन में पूरा होना था, लेकिन डैम का काम आधे दिनों में ही पूरा कर दिया गया.
ठेकेदारों पर होगी कार्रवाई
एसएन मिश्रा की टीम ने 5 दिन में सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की, जिसके बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है. जिसमें डैम के निर्माण से लेकर पानी भरने तक कई स्तर पर लापरवाही की गई है, बांध के स्पेशिफिकेशन के अनुसार मिट्टी की लेयर को मेंटेट करने में ही सबसे बड़ी लापरवाही की गई है, इसी वजह से डैम में लीकेज हुआ है. ऐसे में अब डैम का निर्माण करने वाले ठेकेदारों पर भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है, जबकि डैम का निर्माण करने वाली कंपनी को पहले ही ब्लैक लिस्टेट कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर अब शासन बड़ी कार्रवाई की तैयारी में हैं. इसके अलावा आगे भी जांच होने की बात कही गई है. फिलहाल प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर पूरे मामले में सरकार जल्द ही कार्रवाई कर सकती है.
क्या है धार का कारम डैम मामला
बता दें कि धार में भरुडपुरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर बनाए जा रहे डैम में लीकेज के बाद पान का रिसाव शुरू हुआ था. इसके चलते बांध की एक तरफ की मिट्टी भी बह गई थी. बाद में डैम की दीवार का एक हिस्सा भी टूटकर गिर गया था. जिसके बाद से ही डैम के टूटने की आशंका पैदा हो गई थी. डैम का काम 75 फीसदी पूरा हो चुका था. जिसके बाद डैम से पानी निकालने की कोशिश शुरू हुई और करीब 50 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद डैम से पानी निकाला गया. वहीं डैम के आसपास के 18 गांव पूरी तरह से खाली करा लिए गए थे.