धार। धार जिले के कारम डैम dhar karam dam को बचाने के लिए आखिरकार प्रशासन की मेहनत रंग लाई औ डैम में से खतरे का पूरा पानी निकल गया. जिसके बाद डैम में पानी का लेवल भी कम हो गया है हालांकि प्रशासन की टीम अभी भी डैम पर मौजूद हैं. वही जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट minister tulsi silawat ने कारम नदी पर बन रहे निर्माणाधीन डैम पर ही झंडा फहराया. मंत्री को अपने प्रभार के जिले के ग्वालियर Gwalior में तिरंगा फहराना था, लेकिन आखिरी वक्त पर उनका प्रोग्राम बदल गया. वहीं मंत्री डैम का पानी निकलने के बाद लोगों के लिए बड़ी घोषणा की है. 


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नुकसान का मुआवजा मिलेगा 
मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि अब डैम से पूरा पानी निकल चुका है और पानी नर्मदा नदी में मिल गया है. हालांकि कारम डैम से पानी निकलने के बाद निचली बस्तियों में हुए नुकसान को लेकर मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि जिन भी लोगों का नुकसान हुआ है, चाहे लोगों के एडमिट बह गए हो या लोगों के नदी के आसपास बने हुए कच्चे मकान पर गए हो या फसलों को नुकसान हुआ हो उसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं सर्वे करने के लिए, जल्दी सर्वे पूरा करके उन्हें राहत राशि दी जाएगी पूरी सरकार लोगों के साथ हैं. सरकार नुकसान का पूरा मुआवजा देगी और लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. 


मंत्री तुलसी सिलावट अभी मौके पर मौजूद 
वहीं मंत्री तुलसी सिलावट अभी मौके पर मौजूद हैं, वह लगातार स्थानीय प्रशासन के जरिए हालातों पर नजर बनाए हुए हैं. डैम का पानी निकलने के बाद कई गांवों के पास से पानी निकला है, ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़ा इसके लिए मंत्री मोर्चे पर हैं. 


11 अगस्त को मिली थी शिकायत 
आपको बता दें 11 अगस्त के दिन निर्माणाधीन कारम नदी पर बन रहे डैम में सीपेज जी शिकायत की शिकायत मिली थी, जिसके बाद मौके पर कलेक्टर सहित आला अधिकारी पहुंचे थे और इस मामले से भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री को अवगत करवाया था. मुख्यमंत्री ने मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए त्वरित रूप से कार्यवाही करने के निर्देश देते हुए कहा था कि क्षेत्र में बसे हुए डूब की जद में आने वाले धान और खरगोन जिले के 18 गांव को तुरंत खाली करवाया जाए, इसके बाद प्रशासन ने 18 गांव के लोगों को खाली करवाया था. 


स्थानीय लोगों की गांव वापसी 
करीब 60 घंटे के बाद डैम का पानी खाली हुआ. अब डैम का पानी खत्म होने के बाद जो लोग शिविरों में रह रहे थे, उन्हें वापस 80 फीसदी लोगों को गांव में भेज दिया गया है. मंत्री तुलसी सिलावट ने जानकारी देते हुए बताया कि शासन प्रशासन के द्वारा और काम करने वाले लोगों ने मेहनत करते हुए संकट की घड़ी को टाल दिया है. मंत्री ने कहा कि कुछ लोगों के द्वारा भ्रम फैलाया गया कि बांध टूट गया है मंत्री ने कहा कि बांध टूटा नहीं है, बांध के एक हिस्से का कटाव किया गया था. जहां से पानी की निकासी की गई ताकि पानी आसानी से निकल सके और लोगों को जान माल का नुकसान नहीं हो. 


संकट पूरी तरह से टला: सीएम शिवराज 
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फोन पर पूरे मामले की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को दी थी. वहीं सीएम ने बताया कि ''मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि संकट टल गया है, अब सब सुरक्षित हैं. परसों से हम और पूरी टीम इस अभियान में लगे थे कि लोगों की जिंदगी बचा पायें, पशुओं की जिंदगी बचा पायें. यह बताते हुए मुझे संतोष है कि 18 गांवों की जनता को भी कि अब कोई संकट नहीं हुआ है. मेरे भाइयों-बहनों, प्रशासन के साथ मिलकर गांव में जाने की योजना बना लीजिए और आजादी के 75वें अमृत वर्ष में कल स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से अपने गांव में मनाइये. मैं मार्गदर्शन करने व सहायता प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुन: आभार प्रकट करता हूं. मैं सभी साथियों को हृदय से बधाई देना चाहता हूं. हमने जबरदस्त जीवटता का परिचय दिया है. संकट की घड़ी में भी जनता ने धैर्य नहीं खोया. मैं जनता का भी आभार प्रकट करता हूं.''


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