संजय लोहानी/सतना: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथा वाचक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा 22 अप्रैल को ताम्रकार समाज के आराध्य भगवान सहस्त्रबाहु को लेकर कथित आपत्तिजनक शब्द कहे हैं. जिस बात से आहत ताम्रकार समाज के अध्यक्ष रामजी ताम्रकार व महिला मंडल की अध्यक्ष रानी ताम्रकार के नेतृत्व में सबसे पहले ताम्रकार धर्मशाला में एकत्रित हुए और कथावाचक धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा कहे गए बोल को सुना गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जिसके बाद इसके विरोध में समाज के लोग धर्मशाला से क्रांति चौक सब्जी मंडी संकट मोचन चौराहा तक जुलूस निकालते हुए कथा वाचक धीरेन्द्र शास्त्री के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने सहायक उपनिरीक्षक अजय शुक्ला को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान मौजूद युवा एव महिलाओं ने कहा कि हम भी सनातन धर्म को मानने व जानने वाले लोग हैं. जैसी बातें उनके द्वारा कही गई हैं. ऐसा कही शास्त्रों में उल्लेख नहीं है.बिना जाने समझे उन्होंने जैसे शब्दों का उल्लेख किया है. 


ताम्रकार समाज सड़कों पर उग्र आंदोलन करेगा
ये बात सुन ताम्रकार,जायसवाल,कर्चुली समाज के लोगों को गहरी पीड़ा पहुची है. जिस बात के लिए उन्हे सार्वजनिक मंच से माफी मांगनी चाहिए. सनातन धर्म सब को एक धागे में पिरोने वाला धर्म है. हम सब बाघेश्वर धाम से गहरी आस्था रखने वाले लोग थे, लेकिन कथावाचक पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने सस्ती लोकप्रियता के लिए जैसे बोल बोले हैं. उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज होना चाहिए है. ज्ञापन सौंपने के दौरान मौजूद जनों ने कहा कि यदि जल्द मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो ताम्रकार, जायसवाल करचुली समाज सड़कों पर उग्र आंदोलन करेगा.


आपको बता दें कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा हैहयवंशी समुदाय के देवता सहस्त्रबाहु को लेकर दिए गए बयान पर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी अपनी बातों पर खेद जताते हुए सफाई दी है. बढ़ते विरोध के बाद बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने  सहस्त्रबाहु देव के बारे में दिए बयान पर खेद जताया.