नेशनल मीडिया में छाई धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा, 8 पढ़ाव में 160 किलोमीटर का संकल्प कैसे हुआ पूरा
Madhya Pradesh News: लाखों भक्तों का साथ, नेताओं, फिल्मी हस्तियों का संगी बनना तो कभी दंगे की आशंका के बाद भीड़ में से मोबाइल फेंकना... इन सब हेडलाइनों के बीच कैसी थी बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा. 9 दिनों में कहां कहां गूंजी एक कट्टर हिंदू की दहाड़, पढ़िए....
Dhrirendra shastri sanatan hindu ekta yatra: बाबा बागेश्वर की पदयात्रा 9 दिन का सफर तय कर अब अपने अंतिम पढ़ाव, ओरछा पहुंच गई है. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पहुंच सबसे पहले राजा राम के दर्शन किए. जनता से बात करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने फिर सनातन एकता की दहाड़ मारी. बाबा बागेश्वर बोले सभी हिन्दू रोज 1 घण्टे धर्म के लिए दें, मैं आपको हिन्दू राष्ट्र दूंगा. 21 नवंबर से 29 नवंबर तक चलने वाली हिन्दू सनातन एकता यात्रा का आज अंतिम दिन है. बाबा बागेश्वर ने बड़ी संख्या में हिन्दुओं की मौजूदगी में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया. देखिए 9 दिन में 160 किलोमीटर की हिंदू एकता का सफर कैसा रहा
दंगे की आशंका से भगवामय सड़कों तक ....
हिंदुओं पर बढ़े अत्याचार को रोकने के लिए सड़क पर उतरने की जरूरत है. यही कह धीरेंद्र शास्त्री ने ये यात्रा शुरू की थी. उनका मानना है कि हिंदू एकता के लिए अब आवाज़ बुलंद होना बेहद जरूरी है. पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की जब पदयात्रा शुरू की तो ना सिर्फ मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, तक से लाखों श्रद्धालु पहुंचे. वो तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब दिखीं जब श्रद्धालुओं ने नेशनल हाईवे-39 खजुराहो-पन्ना को पूरी तरह भगवामय कर दिया था. एक तरफ लाखों भक्तों का साथ दूसरी तरफ यात्रा में दंगे होने की आशंका... खबर चर्चा में थी जब ऑल इंडिया मुस्लिम जमात ने कहा है कि धीरेन्द्र शास्त्री की पद यात्रा में दंगे और अराजकता फैलने की आशंका है. एमपी बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा मध्य प्रदेश में पत्ता भी नहीं हिलने देंगे. इसके एक दिन बाद यात्रा के दौरान भीड़ में से धीरेंद्र शास्त्री पर फूलों के साथ एक मोबाईल फेंका गया. पुलिस ने लड़के को धर दबोचा. कोई बड़ी घटना नहीं घटी.
कहां कहां गए 9 दिनों में
यात्रा बागेश्वरधाम से शुरू हुई. पहले दिन कदारी पहुंची, दूसरे दिन छतरपुर के पेप्टेक टाउन, तीसरे दिन नौगांव और चौथे दिन देवरी रेस्ट हाउस पहुंची. इसके बाद यात्रा के पांचवें दिन मऊरानीपुर पहुंची. छठे दिन घुघसी, सातवें दिन निवाड़ी और यहां से आठवें दिन ओरछा तिगैछा पहुंची. आखरी दिन पदयात्रा ओरछाधाम पहुंची. 9 दिनों में बागेश्वर धाम से ओरछा तक 160 किमी की दूरी तय कर हिंदू राष्ट्र की गूंज हर ओर पहुंचाई गई. यात्रा के आठ पड़ाव थे, इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने साफ संदश दिया कि हिंदुओं को एकजुट करने के लिए ये पदयात्रा की जा रही है. रोजाना चौहजारों भक्त साथ इस दौरान वह रोजाना 20 किमी पैदल चलेंगे.
'बांग्लादेश नहीं बनने देंगे'
यात्रा का निचोड़ देखें तो धीरेंद्र शास्त्री का मानना है कि अगर भारत में हिन्दू एक नहीं हुआ तो भारत में 10 साल बाद हर जगह अराजकता दिखेगी, जो आज भी कुछ शहरों में दिखी है. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जब वो कानून पर पत्थर फेंक सकते हैं. हिंदुओ पर गोलियां भी चला सकते हैं. तो हमें सड़कों पर उतरना होगा. हम हिंदुओ को एक होना होगा. वर्ना जैसे आज बांग्लादेश में मंदिरों को मस्जिद बनाया जा रहा है और आशा को आशिया बनाया जा रहा है. ऐसी घटनाएं देश में होने लगेंगी. तो इसी संदेश के साथ बागेश्वार बाबा की ये 9 दिन की यात्रा अपनी मंजिल तक वापस चली गई.