राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। एक कार्यक्रम को दौरान माता सीता को लेकर आए मंत्री मोहन यादव (mohan yadav) के बयान पर अब सियासत तेज हो गई है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ने उनके बयान को लेकर बजरंगदल पर निशाना साधा है. उन्होंने एक ट्वीट कर मोहन यादव का वीडियो पोस्ट किया और लिखा बाहूबलियों, कहां छिपे हो? इस ट्वीट के बाद उज्जैन में मंत्री के पुतले जलाए गए और जमकर विरोध हुआ.


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दिग्विजय ने क्या लिखा?
ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा 'यदि शिवराज जी आप में थोड़ा सा भी मां सीता व भगवान राम के प्रति श्रद्धा व आस्था है तो मंत्री मोहन यादव को तत्काल बर्खास्त करो. हे तथा कथित राम भक्तों, हे बजरंग दल के बाहुबलियों तुम कहां छिपे हो? मंत्री के इस्तीफ़े की मांग करोगे?'



उज्जैन में जलाया गया पुतला
दिग्विजय सिंह के ट्वीट के बाद उज्जैन में कांग्रेस और NSUI नेताओं ने मंत्री मोहन यादव का पुतला जलाया. इस दौरान शहर के टावर चौक पर भारी संख्या में जुड़े कार्यकर्ताओं ने मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार से उनके बर्खास्तगी की मांग भी की गई. वहीं बजरंग दल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बजरंगी जय जय श्रीराम के नारे लगाने वाले अब उनकी भावनाएं आहत नहीं हुई. अब हम मोहन यादव की माफी तक विरोध करेंगे.


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क्या कहा था मंत्री ने
दरअसल मंत्री मोहन यादव उज्जैन जिले के नागदा/खाचरोद विधान सभा क्षेत्र के कारसेवकों के सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि रविवार रात शामिल हुए थे. यहां उन्होंने माता सीता के जीवन की तुलना तलाकशुदा जीवन से की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि माता सीता का भूमि में समाना आज के समय मे आत्महत्या के समान है. अब इस बात को लेकर वह लगातार ट्रोल हो रहे हैं.



मंत्री ने दी सफाई
बयान पर मचे बवाल के बाद मंत्री मोहन यादव ने सफाई दी है. उन्होंने कहा 'कारसेवकों के सम्मान कार्यक्रम में राम राज्य को लेकर कुछ बात कही थी. इसके मूल में राम, सीता का त्याग और प्रेम था, लेकिन उनकी बात को गलत तरीके से प्रसारित किया जा रहा है.'


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विधानसभा में उठा मुद्दा
मंगलवार को मध्य प्रदेश विधानसभा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन में बी ये मामला उछाला गया. कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने यह मुद्दा विधानसभा में उठाया. मोहन यादव के बयान पर कटाक्ष करते हुए सज्जन सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति में द्रौपदी और सीता माता को शामिल किया जाना चाहिए.