भोपाल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता जाने के बाद अब मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) पर सदस्यता जाने की तलवार लटक रही है. दरअसल दिग्विजय सिंह पर मानहानि (Defamation Case) के मामले में आरोप तय हो गए हैं. मामले की सुनवाई अब 1 जुलाई को होगी. गौरतलब है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (Vd Sharma) ने दिग्विजय सिंह पर मानहानि का केस कराया था. फिलहाल दिग्विजय सिंह जमानत पर है. 


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6 साल तक नहीं लड़ पाएंगे चुनाव 
बता दें कि दिग्विजय सिंह पर धारा 500 के तहत आरोप तय किए गए हैं. अगर ये आरोप सिद्ध हो गए तो फिर इसमें अधिकतम 2 साल की जेल हो सकती है. साथ ही उनकी राज्यसभा सदस्यता भी रद्द हो सकती है. वहीं 6 साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी भी लग सकती है. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी का हाल दिग्विजय सिंह जैसा ही हो रखा है. उनपर मोदी सरनेम को लेकर धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई की गई है. साथ ही उनकी संसद सदस्यता रद्द करते हुए मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी.



दिग्विजय सिंह का पूरा मामला
भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने मानहानि मामले में कोर्ट में बताया था कि दिग्विजय सिंह ने 4 जुलाई 2014 को इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के सामने उनके खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा था कि वीडी शर्मा ABVP के महामंत्री रहे हैं. उनके द्वारा व्यापमं घोटाले (Vypam ghotala) में बिचौलिए का काम किया है. इसे आम लोगों के द्वारा पढ़ा गया है. जिससे उनकी छवि आम लोगों में धूमिल हुई है. जिससे व्यथित होकर उन्होंने कोर्ट के सामने मानहानि का मुकदमा दायर किया है. आपको बता दें कि कोर्ट ने 5 दिसंबर 2022 को धारा 500 के तहत दिग्विजय सिंह पर केस दर्ज किया है.


अब जानिए राहुल गांधी का मामला
ये बात साल 2019 की है. जब राहुल गांधी लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में चुनावी भाषण  में जनता को संबोधित कर रहे थे. यहां उन्होंने मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था. राहुल गांधी ने चुनावी रैली में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी , नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है. इस बयान के बाद ही राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर हुआ था.