पाइल्स एक ऐसी खतरनाक बीमारी है. जिसका दर्द सहन कर पाना हर किसी के लिए मुश्किल है और साथ ही लोग इसे खुलकर भी नहीं बता पाते हैं. पाइल्स (piles) के ट्रिटमेंट तो बहुत हैं मगर आराम मिल पाना मुश्किल होता है. इसके बाद सर्जरी करवाना ही एकमात्र उपचार बचता है. लेकिन बहुत से ऐसे केस देखने को मिलते हैं, जिसमें सर्जरी के कुछ समय बाद ही दोबारा परेशानी देखने को मिलती है.  


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पाइल्स के शुरुआती लक्षण:
एनस के आसपास सूजन या गांठ सी महसूस होना, एनस के आसपास खुजली का होना, मल त्याग करने के बाद भी ऐसा लगते रहना जैसे पेट साफ न हुआ हो. शुरुआत में पाइल्स के मरीज कुछ समझ नही पाता है. क्योकि इसमें कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते. कई बार मरीज को पता भी नहीं चलता कि उसे पाइल्स हैं.  मरीज को कोई खास दर्द महसूस नहीं होता. बस हल्की सी खराश महसूस होती है और जोर लगाने पर कई बार हल्का खून आ जाता है. इसमें पाइल्स अंदर ही होते हैं. मगर समय पर इलाज न करने पर यह आगे बड़ी समस्या की वजह बन जाती है. जो बेहद दर्द भरी हो सकती है.


पाइल्स का आयुर्वेदिक इलाज:  
इन सभी दवाइयों में से कोई भी एक आप ले सकते हैं, रोज रात को एक चम्मच त्रिफला गर्म पानी से लें. इसे लेने के बाद कोई और चीज न खाएं. रोज रात को ईसबगोल की भूसी एक चम्मच गर्म दूध से लें.  पंचसकार चूर्ण एक चम्मच रोज रात को गर्म पानी से लें. अशोर्घनी वटी की दो गोली सुबह शाम खाना खाने के बाद पानी से लें. अभयारिष्ट या कुमारी आसव खाने के बाद चार चम्मच आधा कप सादा पानी में मिलाकर लें. मस्सों पर लगाने के लिए सुश्रुत तेल आता है, इसे मस्सों पर लगा सकते हैं. सूजन और दर्द है तो सिकाई की मदद से सकते हैं. इसके लिए एक टब में गर्म पानी लें और उसमें एक चुटकी पोटेशियम परमैंगनेट डाल दें. यह सिकाई हर मल त्याग के बाद करें. आपको इन सब से बहुत आराम मिलेगा. 


जिमीकंद की सब्जी:
पाइल्स को दूर करने के वैसे तो कई घरेलू नुस्खे हैं लेकिन सूरन की सब्जी को खाने से ही इस गंभीर परेशानी से छुटकारा मिल जाता है. सूरन को जिमीकंद भी कहा जाता है. जिमीकंद खाने में बड़ा टेस्टी लगता है. ये एक जड़ वाली सब्जी है जो जमीन के भीतर उगती है. इस सब्जी को उगाने में लगभग एक साल का वक्त लगता है. मिट्टी के भीतर लगी इस सब्जी में कई औषधीय गुण समाए हुए होते हैं. ये सब्जी आपकी परेशानी को दो हफ्तों में बहुत आराम देगी.


गलती से भी न खाएं ये चीजें:
फास्ट फूड, जंक फूड और मैदे से बनी चीजों को खाने से बचे, चावल कम खाएं,  सब्जियों में भिंडी, अरबी, बैंगन न खाएं.  राजमा, छोले, उड़द, चने आदि.  मीट, अंडा और मछली, शराब, सिगरेट और तंबाकू का सेवन करने से बचे...


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