इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 का विरोध बढ़ा, सरकार का दावा- फायदा होगा
![इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 का विरोध बढ़ा, सरकार का दावा- फायदा होगा इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 का विरोध बढ़ा, सरकार का दावा- फायदा होगा](https://hindi.cdn.zeenews.com/hindi/sites/default/files/styles/zm_500x286/public/2022/08/08/1258476-electrcty-amendment-bill.jpg?itok=FitJPNOc)
Electricity Amendment Bill 2022 का विरोध शुरू हो गया है. ग्वालियर में आज इंटक के बैनर तले नियमित और संविदा कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि सरकार इस बिल के बहाने निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. वहीं सरकार का कहना है कि इससे बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा.
सुरेंद्र अग्रवालः इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 (Electricity Amendment Bill 2022 ) का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. मध्य प्रदेश में आज बिल का जमकर विरोध हो रहा है. ग्वालियर में मध्य प्रदेश संविदा ठेका कर्मचारी संघ इंटक के बैनर तले रोशनी घर परिसर में विरोध प्रदर्शन किया गया. इस विरोध प्रदर्शन में सभी नियमित, संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारी शामिल हुए. बिजली कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ सकती है.
इन मुद्दों पर हो रहा विरोध
इंटक के प्रदेश अध्यक्ष एल के दुबे का कहना है कि केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 को लाने से पहले किसी से सलाह नहीं की. संविधान की सातवीं अनुसूची समवर्ती है, जिसमें बिजली के मामले में जितना अधिकार केंद्र सरकार के पास है, उतना ही अधिकार राज्य सरकार को भी है लेकिन इस बिल को बनाने में राज्य सरकारों से कोई सलाह नहीं ली गई है. इंटक के प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि विद्युत सेक्टर का निजीकरण करने के लिए विद्युत अमेंडमेंट बिल 2022 लाया जा रहा है. जिसका विरोध किया जा रहा है. एल के दुबे ने आरोप लगाया कि इस बिल के जरिए पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया जाएगा. साथ ही किसानों सहित आम उपभोक्ताओं पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा.
बता दें कि इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2022 आज लोकसभा में पेश हो गया. लोकसभा में पास करने के बाद इस बिल को स्थायी समिति के पास भेज दिया गया है. सरकार का कहना है कि इस बिल के पास हो जाने से बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा. साथ ही इससे बिजली कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाएगी. इस बिल में प्रावधान किया गया है कि मोबाइल पोर्टेबिलिटी की तरह अब डिस्कोम पोर्टेबिलिटी भी संभव हो सकेगी. साथ ही बिजली कंपनियां बिना बताएं बिजली काटेंगी तो उन्हें हर्जाना देने का प्रावधान किया गया है.
साथ ही इलेक्ट्रिसिटी कॉन्ट्रैक्ट एनफोर्समेंट अथॉरिटी की स्थापना की जाएगी. जिससे बिजली कनेक्शन मिलना आसान हो जाएगा और तय समय सीमा में कनेक्शन मिलेगा. बिल के तहत मेट्रो शहरों में 7 दिन, नगर पालिका में 15 दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम 30 दिनों में कनेक्शन मिल जाएगा.