विमलेश मिश्रा/मंडला: छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा (Chhattisgarh Minister Kawasi Lakhma) एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं. अब उनके इस बयान पर बीजेपी के आदिवासी नेता और केंद्र में मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Minister Faggan Singh Kulaste) ने आदिवासियों के कवासी लखमा के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. आज मंडला पहुंचे केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह ने कहा कि यह लखमा की व्यक्तिगत सोच हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं.


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परंपराएं-मान्यताएं अलग हो सकती हैं, लेकिन आदिवासी हैं हिंदू 
कुलस्ते ने कहा कि आदिवासी परंपराएं और मान्यताएं अलग हो सकती हैं, लेकिन आदिवासी हिंदू हैं. आदिवासियों के आराध्य बड़ा देव के स्थान कछारगढ़ का हवाला देकर कुलस्ते ने लखमा से पूछा कि आखिरी दिन देश भर से आदिवासी मेरे साथ यहां इकट्ठे हुए, क्या वे नहीं हैं हिन्दू ? कुलस्ते ने कहा कि हम सभी धर्मों और संविधान को मानते हैं. बता दें कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा (Maharashtra and Chhattisgarh border) पर कछारगढ़ आदिवासी गतिविधियों का केंद्र है और फरवरी के माह में यहां गोंड आदिवासी समाज का महाकुंभ लगता है. इस मेले में देश के कोने-कोने से गोंड समाज के पांच लाख से ज़्यादा लोग भाग लेते हैं.


कवासी लखमा ने क्या कहा था?
बता दें कि मंत्री कवासी लखमा ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि इस देश के मूलवासी हम आदिवासी (Natives of the country, we tribals)  हैं. हिंदू और बौद्ध कहीं-कहीं से आए हैं. जनगणना में हम आदिवासी धर्मकोड की मांग करेंगे.बता दें कि लखमा के इसी बयान के चलते राज्य की सियासत, आदिवासी के मुद्दों को लेकर एक बार फिर गर्म हो गई है और बीजेपी ने उन पर और कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा है.