MP Patwari Ghotala News: मध्य प्रदेश पटवारी परीक्षा के परिणाम से विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे. कांग्रेस नेता अरुण यादव ने एक पोस्ट कर नया खुलासा किया है. इसमें कुछ अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र सार्वजनिक करते हुए दिव्यांग कैटेगरी का गलत लाभ लेने का आरोप लगाया गया है. आरुण यादव और उनके द्वारा जारी एडमिट कार्ड के अनुसार, अभ्यर्थियों ने फर्जी प्रामण पत्र का उपयोग कर खुद को दिव्यांग बताया. जबकि, वो किसी अन्य परीक्षा में फिट थे.


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अरुण यादव ने किया ट्वीट
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने चार अभ्यर्थियों के रिजल्ट और एडमिट कार्ड जारी किए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में जो अभ्यर्थी दिव्यांग थे वो वन रक्षक - जेल प्रहरी के परीक्षा में फिट कैसे हो गए ? यह मध्य प्रदेश में क्या नया प्रयोग हो रहा है.


लगातार हो रहे हैं खुलासे
बता दें पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद से ही इसे लेकर खुलासों पर खुलासे हो रहे हैं. पहले ग्वालियर से एक ही केंद्र से बड़ी संख्या में टॉपरों के आने पर सवाल खड़े हुए. उसके बाद कांग्रेस ने एक और सवाल खड़ा किया जिसमें दिव्यांग कोटे में पास लोगों के एक ही स्थान से होने की बात कही गई. अब इसी से जुड़ा एक और खुलासा हुआ है जिसमें इनके अन्य परीक्षाओं में फिट होने की बात कही जा रही है.


उठ रहे गंभीर सवाल
क्या शिवराज सरकार में युवाओ के साथ किया जा रहा खिलवाड़?
फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले लोग कौन ?
क्या फर्जी दिव्यागों को दी जा रही हैं नियुक्तियां ?


क्या है फर्जी दिव्यांगों का मामला
इस बार जारी हुए पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणामों में प्रदेश के कुल 21 दिव्यांग अभ्यर्थि पास हुए हैं. इसमें सबसे चौकाने वाली बात ये है कि कुल 21 में 12 छात्र एक ही स्थान से आते हैं.  इससे पहले एक ही परीक्षा केंद्र से मेरिट में आने वाले सभी छात्रों के होने से मामला गरमाया था.


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