Ratlam News: चन्द्रशेखर सोलंकी/रतलाम। कमलाखेड़ा गांव में एक ऐसा शिव मंदिर है जो बहोत ही खास है. मंदिर किसानों के 8 साल की खेत मे की गई मेहनत से कमाई पूंजी मे से एकत्रित की गई राशि से निर्मित है. इसकी भव्यता और निर्माण इस तरह है कि देखने में यह मंदिर प्राचीन नजर आता है. क्योंकि इसे विशेष लाल पत्थर पर खास कारीगर से बारीक नक्काशी कर सालों की मेहनत से तैयार किया है. ये लाल पत्थर उसी तरह का है जो अयोध्या राम मंदिर निर्माण में लगाया जा रहा है. हालांकि, शिवलिंग प्राचीन और अद्भुत है.


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राजा को सपने में आए थे भगवान शिव
सालों पुराना यह शिव स्थान केवल एक छोटी सी पहाड़ी पर था. पिपलोदा से राजा यहां दर्शन को आते थे. दूर होने के कारण उंन्होने इस शिवलिंग की आसपास से खुदाई शुरू कर शिवलिंग को अपने दरबार में स्थापित करने की चेष्टा की. लेकिन, भगवान शिव ने राजा के स्वप्न में आकर स्थान न बदलने को कहा. ऐसे में राजा ने फिर इसी स्थान पर एक छोटा से मंदिर निर्माण करवाया.


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गांव को शिव ने बीमारी से बचाया
कमलाखेड़ा गांव में एक समय ऐसी बीमारी आई कि इस गांव में बच्चों का जन्म होना बंद हो गया. सभी ग्रामीणों ने भगवान शिव से इस बीमारी से ग्रामीणों को बचाने की प्राथना की और ग्रामीणों ने महाशिवरात्रि पर हर वर्ष मेला लगाने का संकल्प लिया. इसके बाद भगवान शिव ने इस गांव में अपना आशीर्वाद दिया और यहां भी घरों में बच्चों की किलकारिया गूंजने लगी. इसके बाद से आज तक यहां महाशिवरात्रि पर मेला लागया जाता है और पूरा गांव पूरे दिन पूजा अनुष्ठान होते है.


मंदिर और गांव पर लिखी किताब
इस मंदिर को लेकर यहां के एक इतिहासकार ने कमलाखेड़ा गांव व मंदिर को लेकर एक किताब भी लिखी है. इसमें कामलाखेड़ा गांव का व मंदिर का पूरा वर्षो पुराना इतिहास है. इसे गांव वाले खुद भी पढ़ते हैं और आने वाली पीढ़ी को भी यह किताब पढ़ने को दे रहे हैं. ताकि यहां के भविष्य में इस मंदिर की संस्कृति इतिहास की जानकारी हमेशा संजोए रख सके.


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किसानों ने पेश की अनूठी मिशाल
इस गांव के किसानों ने भी शिव भक्ति की ऐसी अनूठी मिसाल पेश की है. गांव के किसानों ने इस शिव मंदिर को भव्य स्वरूप देने के लिए एकजुट होकर अपनी 6 माह की फसल की कमाई शिव मंदिर में डेढ़ करोड़ रुपये का निर्माण कराया है. यहां किसानों ने एक बिगा जमीन पर  1 हजार और 50 बिगा जमीन पर 50 हजार रुपये दिए. अब 8 साल की मेहनत और किसानों के भक्ति के कारण शिव मंदिर का भव्य निर्माण हुआ है.


खास तरीके से कारीगरों ने किया तैयार
मंदिर को खास कारीगर के साथ विशेष लाल पत्थर पर बारीक नक्काशी से तैयार किया गया है. मंदिर के स्तंभों पर की गई कारीगरी ,मंदिर के चारो और बारीक नक्काशी के बीच प्रतिमाओं को कुरेदकर, इस तरह से निर्माण किया गया है हर कोई इस मंदिर को देख यही कहेगा कि यह बहोत प्राचीन है. यह पहुंचकर मंदिर की सुंदरता को देख हर कोई आनंद की अनुभूति करते हैं.


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