प्रीतेश शर्मा/नीमच: कहते हैं "किसी चीज़ को अगर दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलने में लग जाती है! लाख बाधाएं रास्ता रोके तो भी मंजिल मिल ही जाती हैं. नीमच जिले के मनासा में ऐसा ही एक वाकिया सामने आया है. यहां द्वारकापुरी धर्मशाला के सामने पानी पुरी का ठेला लगाने वाले देवेंद्र चौधरी के बेटे रविकांत ने एयर फोर्स में पायलट बनने का सपना पाला था. अब वो सपना पूरा होने वाला है क्योंकि रविकांत का भारतीय वायुसेना में पायलट के लिए चयन हुआ है.


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पिता लगाते है पानी-पुरी ठेला
दरअसल एमपी के नीमच जिले में एक छोटा सा मानसा गांव है. जहां युवक के पिता गांव की ही धर्मशाला के सामने पानी पुरी ठेला लगाते है. रविकांत पढ़ाई के साथ पानी पूरी के व्यवसाय में अपने पिता की मदद कर रहा था. लेकिन बावजूद इसके रविकांत ने अपना हौंसला टूटने नहीं दिया और काम के साथ-साथ ही पढ़ाई को जारी रखी. उसकी लगन और मेहनत अब रंग लाई है. आखिरकार कड़ी मेहनत के बाद रविकांत की मेहनत सफल हुई है, और आखिरकार रविकांत का चयन भारतीय वायु सेना में बतौर पायलट के लिए हुआ है.



रविकांत बने प्रेरणास्त्रोत
रविकांत की उपलब्धि से मनासा गौरवान्वित हो रहा है. पानी पुरी का ठेला लगाने वाले का बेटा इस मुकाम पर पहुंचा है. युवाओं और तमाम लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है. रविकांत की कठिन परिश्रम के साथ-साथ पिता का भी पढ़ाई के लिए हर तरीके से सपोर्ट करना माता पिता के लिए भी एक उदाहरण है, जो अपने बच्चों का भविष्य बनाना चाहते हैं. हालातों का बहाना नहीं बनाते हैं. जहां रविकांत ने पढ़ाई के साथ-साथ पिता का हाथ बंटाया तो वहीं आर्थिक तंगी के बावजूद भी देवेंद्र ने भी बेटे की परवरिश और पढ़ाई में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. रविकांत के एयरपोर्ट में चयन होने पर लोगों ने और परिजनों ने उन्हें मिठाई खिलाई और इस खुशी का इजहार किया. अब जल्द ही रविकांत हैदराबाद में पायलट प्रशिक्षण केंद्र के लिए रवाना होगा.


रविकांत ने कही ये बात
रविकांत ने बताया कि मैंने 10वीं के बाद ही सोच लिया था कि देश सेवा करनी है. आज फाइनली वो सपना पूरा हो रहा है. वहीं उन्होंने कहा कि हमारा पानी पुरी का धंधा ऐसा है कि परिवार में सभी का काम करना जरूरी है. अकेले के बस के बात नहीं है. तो जितना मुझसे बना मैंने किया औऱ पढ़ाई भी की है. ऑनलाइन पढ़ाई ने भी काफी भूमिका निभाई है क्योंकि गांव में रिसोर्स की काफी कमी है. मुझे बहुत अच्छा लगा कि जो सपना मैं 4 साल से देख रहा था, वो अब पूरा हुआ है. युवाओं को संदेश देते हुए रविकांत ने कहा कि सपने देखते रहो, लगातार पढ़ते रहो आपको भी अपनी मंजिल मिलेगी.