MP News: देशभर में आज से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम नामक तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. जिसके तहत पहला केस मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दर्ज किया गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नए कानूनों को लेकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि नए कानून के तहत पहला मामला ग्वालियर में आधी रात के 12 बजकर 10 मिनट पर मोटरसाइकिल चोरी का दर्ज किया गया था. जो नए आपराधिक कानूनों में पहला मामला है. 


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बाइक चोरी का था पहला मामला 


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि नए कानूनों के तहत जो पहला मामला दर्ज हुआ है वह बाइक चोरी का है. ग्वालियर एक पुलिस स्टेशन में यह केस रजिस्टर्ड हुआ है. यह चोरी का मामला था, किसी की मोटरसाइकिल चोरी हो गई थी. मामला रात 12.10 बजे दर्ज किया गया था. अभी तक जहां तक ​​एक विक्रेता (दिल्ली के एक पुलिस स्टेशन में पंजीकृत) के खिलाफ मामले का सवाल है, इसके लिए पहले भी प्रावधान थे और यह कोई नया प्रावधान नहीं है, पुलिस ने इसकी समीक्षा करने के लिए प्रावधान का इस्तेमाल किया और उस मामले को खारिज कर दिया.'


दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब अमित शाह से पूछा गया कि पहला मामला देश की राजधानी दिल्ली में दर्ज हुआ है. इस पर उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि पहला मामला दिल्ली में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में दर्ज हुआ है.  


दंड की जगह लिखा जाएगा न्याय 


प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अमित शाह ने कहा 'आजादी के करीब 77 साल बाद अब हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली पूरी तरह से 'स्वदेशी' हो रही है. यह भारतीय लोकाचार पर कार्य करेगा. 75 साल बाद इन कानूनों पर विचार किया गया और आज से जब ये कानून लागू हुए हैं तो अंग्रेज के कानून निरस्त होकर और भारतीय संसद में बने कानूनों को व्यवहार में लाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब दंड की जगह पर न्याय लिखा जाएगा. जबकि देरी की बजाए अब तेजी से ट्रायल और त्वरित न्याय मिलेगा. पहले, केवल पुलिस के अधिकारों की रक्षा की जाती थी, लेकिन अब, पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के अधिकारों की भी रक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि मैं विश्वास के साथ कहता हूं कि ये तीनों कानून के लागू होने के बाद सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली का सृजन करेगी. 


1 जुलाई से लागू हुए नए कानून


दरअसल, भारतीय न्याय संहिता कानून अब IPC (इंडियन पीनल कोड) की जगह लेगा. संसद के शीतकालीन सत्र में यह तीनों बिल पारित किए गए थे, जो एक जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू हो गए हैं. इन कानूनों के तहत अब कुछ नए बदलाव दिखेंगे. जैसे पहले मारपीट की धारा 323 होती थी, अड़ीबाजी की धारा 327, गाली गलौज की धारा 294 थी. लेकिन अब इसमें बदलाव होगा. भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत अब मारपीट की धारा 115, अड़ीबाजी की धारा 119 और गाली गलौज की धारा 296 हो जाएगी. वहीं नए कानूनों को लेकर पुलिस भी तैयार है. सभी पुलिस थानों में नए कानूनों को लेकर तैयारियां कर ली गई हैं. 


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