Funny Jokes in Hindi: आज कल ऑफिस और घर के कार्यों में हम इतना उलझ गए हैं कि कभी अपनों के साथ बैठकर हंसने की फुर्सत ही नहीं मिलती. विशेषज्ञों की मानें तो हर रोज हंसने से हमारा मानसिक तनाव दूर होता है और हम कठिन से कठिन कार्यों को भी आसानी से कर लेते हैं. ऐसे में हम आपको हंसाने के चोर, पुलिस और जज एक से बढ़कर एक ऐसे मजेदार जोक्स लेकर आएं हैं, जिसे पढ़ने के बाद आप जी भर खुल कर हंसेंगे. आइए शुरू करते हैं हंसने हंसाने का सिलसिला...


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1. पुलिस अधिकारी- घर में मालिक के रहते तुमने चोरी कैसे की?
चोर- साहब! आपकी नौकरी भी अच्छी है और सैलरी भी सही है... फिर आप चोरी सीखकर क्या करोगे...


2. महिला- मेरे पति एक हफ्ते से गायब हैं!
पुलिस- उनकी कोई निशानी है...?
महिला- जी ये चुन्नू छह साल का और ये मुन्नू चार साल का है..


3. वैलेंटाइन डे के 7 दिन पहले गिफ्ट शॉप पर वकील साहब गए.
उन्होंने 40 खूबसूरत कार्ड ख़रीदे और सब पर उन्होंने लिखा, हैलो माय डियर, पहचान गए ना? 
शाम को मिलो, आई लव यू
दुकानदार- ये क्या मामला है? 
वकील साहब- पिछले वैलेंटाइन डे पर आस पास कॉलोनी में ऐसे ही 20 कार्ड भेजे थे. 
कुछ ही दिन में तलाक के चार केस मिल गए थे, इस बार 40 कार्ड भेज रहा हूं 
दुकानदार हैरान है....


4. पुलिस (चोर से)- वादा करो आगे से जेब नहीं काटोगे.
चोर बोला, मैं वादा करता हूं, अब आगे से नहीं पीछे से जेब काटूंगा"


5. एक चोर एक घर में एक चोर एक घर में चोरी करने गया.
तिजोरी पर लिखा था- तिजोरी को तोड़ने की जरूरत नहीं है.
123 नंबर लगाकर सामने वाला लाल बटन दबाओ, तिजोरी खुल जाएगी.
जैसे ही चोर ने बटन दबाया, अलार्म बजने लगा और पुलिस आ गई.
जाते-जाते चोर ने घर के मालिक से कहा- आज मेरा इंसानियत से विश्वास उठ गया है.


6. जज (चोर से)- क्या तुमने चोरी की थी? 
चोर (जज से)- जी साहब। 
जज- यह बताओ कि तुमने चोरी कैसे की? 
चोर- रहने दीजिए जज साहब, अब इस उम्र में आप चोरी के गुण सीखकर क्या करेंगे.


7. सिपाही (इंस्पैक्टर से), सर ये बिलकुल गलत है कि मैं उस चोर से डर गया था.
इंस्पैक्टर- तो तुम उस गाडी के पिछे क्यों छिपे थे? 
नया सिपाही, जी वह तो मैं कुत्ता देख कर छिपा था.


(disclaimer: यहां दिए गए चुटकुले सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे कंटेट से लिए गए हैं. मेरा मकसद सिर्फ लोगों का मनोरंजन कराना है. किसी जाति, धर्म, नाम, पद या नस्ल के आधार पर किसी को नीचा दिखाना या उपहास उड़ाना मेरा मकसद बिलकुल नहीं है.)