भोपाल: मध्यप्रदेश में आदिवासी मतदाताओं को किंगमेकर माना जाता है. 2018 विधानसभा चुनाव में मिली बीजेपी को हार और शिवराज सिंह चौहान की सत्ता से विदाई में आदिवासियों की अहम भूमिका ही. हालांकि ये भी एक पहलू है आदिवासियों के सहारे ही बीजेपी ने 15 साल राज किया है. 2020 में सत्ता वापसी के बाद अब फिर सीएम शिवराज  सिंह चौहान ने आदिवासियों को साधने की कवयाद शुरू कर दी है.


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गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचारों की खबर रोजाना आ रही है. हाल ही में हुए सीधी पेशाब कांड से शिवराज सरकार की छवि काफी खराब हो गई. इसे भूलाने के लिए बीजेपी का फोकस अब आदिवासियों पर बढ़ गया है.


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आदिवासियों को साधने में जुटी बीजेपी
बता दें कि आज गौण आदिवासियों का बड़ा सम्मेलन भेरूंदा में आयोजित किया जाएगा. इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल होंगे. यहां वे गोंड समाज को कई बड़ी सौगात दे सकते हैं. इसके अलावा गौण आदिवासी समाज की धर्मशाला का भूमि पूजन करेंगे. जो 50 लाख रुपये की लागत से बनाई गई है. सीएम शिवराज यहां आदिवासियों के लिए बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं. 


सीएम के सम्मेलन पर उठ रहे सवाल!
- क्या चुनावी साल में शिवराज को आदिवासियों के खिसकने का डर सता रहा है?
- क्या सिर्फ आदिवासियों के नाम पर स्वार्थ की राजनीति हो रही है?
- क्या एमपी में आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाओं पर लगाम लगाने में शिवराज सरकार फेल हुई?
- एमपी मैं कौन कर रहा आदिवासियों को टारगेट? सरकार आदिवासियों को सुरक्षित करने में नाकाम?
- क्या आदिवासी सम्मेलन से सधा जाएंगे आदिवासी वोटर्स?


कबड्डी प्रतियोगिता में होंगे शामिल
बता दें कि बुदनी विधानसभा के भैरूंदा में कबड्डी का महाकुंभ चल रहा रहा है. 6 जुलाई से शुरू हुए कबड्डी प्रतियोगिता का आज समापन होना है. जिसमें सीएम शिवराज सिंह चौहान शामिल होंगे और विजेताओं को पुरस्कार वितरित करेंगे. बता दें कि इस कबड्डी महाकुंभ का शुभारंभ युवा नेता और मुख्यमंत्री के बेटे कार्तिकेय सिंह ने किया था.