Gwalior News: ग्वालियर में एक नाबालिग ने अपने बाल विवाह को रोकने के लिए घाटीगांव पुलिस से पोस्टेट लेटर के जरिए मदद मांगी है. SDOP को लिखे पत्र में उसमें लिखा कि मैं, नाबालिग बालिका हूं. अभी 12वीं में पढ़ रही हूं और आगे पढ़ना चाहती हूं, लेकिन मेरी शादी नयागांव बामोर निवासी शैलेन्द्र से जबरदस्ती की जा रही है. मैंने विरोध किया तो मुझे एक कमरे में बंधक बना दिया गया है.  8 मार्च को मेरी जबरदस्ती शादी हो रही है. मेरे पिता से सुना है कि उन्होंने 50 हजार रुपये में मेरा सौदा किया है. 


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बता दें कि बंद लिफाफा जब SDOP घाटीगांव संतोष कुमार ने खोला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. पत्र को लिखे ही सात दिन हो चुके थे.उन्होंने बिना देर किए पुलिस बल के साथ उमेदगढ़ में दबिश दी. साथ ही महिला बाल विकास को लेकर छात्रा को परिजन से मुक्त कराकर उसकी शादी रुकवाई. नाबालिग को फिलहाल वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है.


जानिए पूरा मामला?
दरअसल, ग्वालियर के घाटीगांव स्थित मोहना थाना के उमेदगढ़ में रहने वाली एक 17 साल की नाबालिग छात्रा ने पुलिस के नाम चिट्‌ठी लिखी है. छात्रा ने सात दिन पहले SDOP घाटीगांव के नाम से पत्र लिखा था. जिसे पोस्ट के जरिए भेजा गया था. पत्र में उसने बताया गया था कि वह नाबालिग है.उसके बाद भी उसका बाल विवाह किया जा रहा है. विरोध करने पर उसे उसके ही घर में बंधक बनाया गया है. 8 मार्च को उसकी शादी है. उसने यह भी सुना है कि उसे 50 हजार रुपये में पिता बेच रहा है. 


बता दें कि यह पत्र मिलते ही SDOP घाटीगांव संतोष कुमार ने तत्काल महिला बाल विकास से पर्यवेक्षक मनीषा यादव को साथ लेकर अपने पुलिस फोर्स के साथ उमेदगढ़ मे दबिश दी. सबसे पहले नाबालिग को उसके परिजन के चंगुल से मुक्त कराया. इसके बाद 8 मार्च का होने वाली उसकी शादी रुकवाई गई. इसके बाद भी नाबालिग को घर में रहने पर डर लग रहा था. जिस पर उसे महिला बाल विकास विभाग की निगरानी में वन स्टॉप सेंटर में पहुंचाया गया. जिससे उसकी सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ न हो सके.