MP News: जीवाजी यूनिवर्सिटी के छात्र को IT का नोटिस, मांगा 46 करोड़ के लेन-देन का हिसाब
Gwalior News: ग्वालियर में MA कर रहे एक छात्र को करोड़ों की टैक्स चोरी के आरोप में इनकम टैक्स ने नोटिस भेजा है. नोटिस देखकर छात्र हैरान रह गया.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित जीवाजी यूनिवर्सिटी का एक छात्र उस वक्त हैरान रह गया जब उसको इनकम टैक्स का नोटिस मिला. दरअसल, जीवाजी यूनिवर्सिटी से MA कर रहे प्रमोद दंडोतिया पिछले तीन महीने से परेशान हैं. इस छात्र के पैन कार्ड का इस्तेमाल कर अज्ञात लोगों ने एक फर्म बना ली. जिससे पिछले तीन वर्षों में 46 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हो चुका है.
जानिए पूरा मामला
आपको बता दें कि ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में एमए कर रहे प्रमोद दंडोतिया हस्तिनापुर के रहने वाले हैं, उनकी मुश्किलें 27 फरवरी को उनके पास पहुंचे आयकर विभाग के नोटिस ने बढ़ा दी थीं. जिसमें लिखा था कि पिछले तीन साल में प्रमोद के पैन कार्ड पर 46 करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांजैक्शन किया गया है. इसी आधार पर आयकर अधिकारियों ने प्रमोद पर जीएसटी चोरी का आरोप लगाया है.
46 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन
जानकारी के अनुसार अज्ञात लोगों ने प्रमोद के पैन कार्ड का इस्तेमाल कर अलग-अलग फर्जी जीएसटी नंबर बनाकर एक फर्म बना ली. दिल्ली और मुंबई में प्रमोद के पैन कार्ड का उपयोग करके बनाई गई इन फर्जी जीएसटी नंबर कंपनियों ने पिछले तीन वर्षों में 46 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन किया है.इस लेन-देन के बारे में प्रमोद को तब पता चला जब उन्हें आयकर विभाग से नोटिस मिला.
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प्रमोद का कहना है कि वह बेहद गरीब परिवार से आते हैं. करोड़ों के लेनदेन का नोटिस देखकर दंग रह गए. वह आगे कहते हैं कि उन्होंने अपने कॉलेज की फीस जमा करने के लिए कई बार पैन कार्ड का इस्तेमाल किया है. प्रमोद ने संभावना जताई है कि किसी ने उनके पैन कार्ड की कॉपी कर जीएसटी फर्म बना ली है.
भागदौड़ से परेशान छात्र
पिछले 3 साल के दौरान प्रमोद के बैंक खाते से न तो कोई पैसा आया है और न ही गया है, लेकिन उसके नाम के पैन कार्ड से पैसा गया भी है और आया भी है. प्रमोद आयकर, जीएसटी विभाग, कलेक्टर और पुलिस के आला अधिकारियों से मिल चुका है लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की. पुलिस ने प्रमोद को साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराने को कहा है. आयकर विभाग के अधिकारी ने छात्र से कहा है कि वह पुलिस के पास जाकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराए और उसकी एक कॉपी विभाग को सौंपे. इस भागदौड़ से प्रमोद की परेशानी और बढ़ गई है.