Hindu-Muslim New Year 2024: हिंदू-मुस्लिम लोग कब मनाते हैं अपना नया साल? जानिए तारीख और इतिहास
Hindu-Muslim New Year 2024: साल 2023 का आज आखिरी दिन हैं. कल यानी सोमवार को दुनिया 1 जनवरी को बड़ी धूमधाम से नए साल का जश्न मनाएगी. 1 जनवरी को नया साल बनाने की परंपरा ईसाई धर्म से आई. जो सदियों से चली आ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग धर्मों में नया साल मनाने के लिए अलग-अलग समय निर्धारित है.
Hindu-Muslim New Year 2024: साल 2023 का आज आखिरी दिन हैं. कल यानी सोमवार को दुनिया 1 जनवरी को बड़ी धूमधाम से नए साल का जश्न मनाएगी. 1 जनवरी को नया साल बनाने की परंपरा ईसाई धर्म से आई. जो सदियों से चली आ रही है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अलग-अलग धर्मों में नया साल मनाने के लिए अलग-अलग समय निर्धारित है. तो चलिए जानते हैं कि मुस्लिम और हिंदू अपना-अना नया वर्ष कब मनाते हैं....
मुस्लिम समुदाय कब मनाता है नया साल?
इस्लामिक कैलेंडर की बात करें तो मोहर्रम के महीने को साल का पहला महीना माना जाता है. रमजान की तरह ही मोहर्रम के महीने का काफी महत्व होता है. दरअसल इस्लामिक कैलेंडर एक चंद्र कैलेंडर है, इसके चलते इस्लामी नववर्ष की तारीख में हर साल ही बदलाव होता है. क्योंकि चांद दिखने के बाद ही मोहर्रम के महीने की शुरुआत होती है.
इस साल 17 जुलाई से मोहर्रम शुरू!
वहीं 2024 की बात की जाए तो. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक 17 जुलाई के लगभग 2024 में मोहर्रम का महीना शुरू होगा. हालांकि तारीख में चांद दिखने के बाद बदलाव हो सकता है. इस्लाम धर्म की मान्यता के मुताबिक हजरत इमाम हुसैन अपने 72 साथियों के साथ मोहर्रम के महीने के 10वें दिन कर्बला के मैदान में शहीद हुए थे, उनकी कुर्बानी के तौर पर ही इस दिन को याद किया जाता है.
अंग्रेजी के नव वर्ष से अलग होता हिंदू नव वर्ष
बात अगर हिंदू नव वर्ष की करे तो अंग्रेजी नव वर्ष से ये बिल्कुल अलग होता है. अंग्रेजी के नए साल की तारीख फिक्स होती है. लेकिन मुस्लिम धर्म की तरह ही हिंदू नववर्ष की तारीख भी बदलती रहती है. हिंदू नववर्ष चैत्र माह की प्रतिपदा से शुरू होता है. यानी साल 2024 में 9 अप्रैल को हिंदू नववर्ष मनाया जाएगा.
कब मनाया जाता है हिंदू नववर्ष?
दरअसल, जब हिंदू अपना नववर्ष मनाता है तब पूरा पर्यावरण पूरी प्रकृति नए स्वरूप में निखर रही होती है. सही मायने में कहें तो यह वही समय होता है जब पतझड़ के बाद पेड़ पौधे बसंत ऋतु में प्रवेश कर रहे होते हैं और उनके सूखे पत्तों की जगह नए-नए हरे-भरे पत्ते उग रहे होते हैं. हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार इसी तिथि को भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था. इस दिन को गुड़ी पड़वा के दिन से मनाया जाता है.
नोट- धार्मिक मान्यताओं के आधार पर तारीखों में बदलाव हो सकता है..