Harda Factory Blast: हरदा पटाखा फैक्ट्री में लगी आग थमने के बाद अब चारों तरफ तबाही के मंजर नजर आ रहा है. इस हादसे में कई परिवार के परिवार ही तबाह हो गए हैं. हादसे में मरने वालों की संख्या 13 हो गई है. वहीं अब  पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद में पास में रहने वाले कॉलोनी वासियों को अन्य जगहों पर शिफ्ट किया जा रहा है.


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दरअसल मंगलवार को हुए पटाखा फैक्ट्री में धमाके के बाद आसपास के मकान पूरी तरह से जर्जर हो गए है. इसे लेकर अब पीड़ित परिवार सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि जल्द सर्वे कर उन्हें राहत राशि प्रदान करें.


सरकार से सर्वे की मांग
वहीं पीड़ित परिवार ने एक सदस्य अर्पित सेन ने कहा कि अभी हम जर्जर घर का सामान खुले में खेत में रख रहे हैं, रात को रिश्तेदार के घर रुकते हैं. हमारे घर में सब कुछ जल गया है. हमें अभी सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है, कागजी कार्रवाई चल रही है. 


MP सरकार को मानवाधिकार आयोग का नोटिस
वहीं हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस भेजा है. आयोग ने राज्य के पुलिस प्रमुख को भी नोटिस जारी किया है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने एक बयान में कहा कि एक कथित वीडियो में लोगों के शव सड़कों और खेतों में बिखरे हुए दिखाई दे रहे हैं.  आयोग ने चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.


क्या हुआ था हरदा पटाखा फैक्टी में?
दरअसल मंगलवार को मध्य प्रदेश के हरदा में स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट से करीब 13 लोगों की मौत और 200 से अधिक लोगों के घायल हो गए थे. इस हादसे के गुनहगार और फैक्ट्री संचालक अग्रवाल बंधुंओं समेत एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. यहां पर संचालकों ने फैक्ट्री में क्षमता से अधिक मात्रा में बारुद रखा था, यही नहीं फैक्ट्री में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं थी. धमाका इतना तेज था कि आसपास का पूरा क्षेत्र बर्बाद हो गया. 


रिपोर्ट - अर्जुन देवड़ा