Harda Blast News: मध्यप्रदेश के हरदा में मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में भीषण धमाका हो गया. इस खबर के लिखे जाने तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो गए है. ये धमाका इतना भीषण था कि कई किलोमीटर तक इस गूंज और कंपन महसूस हुई थी. फैक्ट्री के आसपास कई घरों में आग भी लगी. जानकारी के मुताबकि ये पटाखा फैक्ट्री बिना लाइसेंस के चल रही थी. अब इस हादसे ने मध्यप्रदेश में हुए कई हादसों की याद दिला दी है. आइये एक बार उनपर नजर डालते हैं...


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इंदौर के रानीपुरा में हुआ धमाका
हरदा में हुए इस हादसे ने इंदौर में साल 2017 में रानीपुरा बाजार में एक पटाखा दुकान में लगी भीषण आग की याद ताजा कर दी है. इस पटाखा दुकान के आसपास कई दुकानों में भी आग लग गई थी. इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी. यहां पटाखे की दुकान में हुआ विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि आसपास की दुकानों में भी चपेट में ले लिया था. तब पुलिस ने बताया था कि पटाखा फैक्ट्री में रखे सिलेंडर में ब्लास्ट होने के कारण यह हादसा हुआ था.


दमोह में 21 अक्टूबर को हुआ था ब्लास्ट
इसके अलावा पिछले साल अक्टूबर माह में दमोह की पटाखा फैक्ट्री में बड़ा धमाका हुआ था. इसमें फैक्ट्री मालिक सहित 6 महिलाओं की मौत हो गई थी और 13 महिलाएं गंभीर रूप से घायल हुई थीं. सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें अभी तक किसी को मुआवजा नहीं दिया गया है. यहां इतना बड़ा धमाका हुआ था कि करीब एक किलोमीटर तक इस धमाके की आवाज सुनाई दी थी. साथ ही आसपास बने करीब एक दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे.


मुरैना में भी हुआ था हादसा
वहीं  मध्य प्रदेश के मुरैना में भी हरदा जैसा बड़ा हादसा सामने आया था. 20 अक्टूबर 2023 को पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था. इस हादसे में 4 लोगों की मौत और आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे.


पेटलावाद का धमाका 
हरदा में हुए विस्फोट ने 12 दिसंबर, 2015 को झाबुआ के पेटलावद में हुए पटाखा विस्फोट की याद को ताजा कर दिया है. उस दौरान हादसे में लगभग 79 लोगों को अपनी जान गंवाना पड़ी थी और 150 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. जांच के बाद पता चला था कि यह विस्फोट मकान में अवैध रूप से रखी जिलेटिन राड़े और डेटोनेटर के कारण हुआ था.


हरदा हादसा या साजिश?
आपको जानकर हैरानी होगी कि जहां आज धमाका हुआ है, वहां करीब एक से डेढ़ साल पहले भी पटाखा फैक्ट्री में आग लगी थी. उस समय भी कई लोगों की जान गई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन ने उस वक्त भी फैक्ट्री संचालक सोमेश अग्रवाल राजू के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की थी. जानकारी ये भी है कि संचालक मजदूरों को घरों पर बारूद देता था, ताकि घर पर बैठकर पटाखा बनाया जा सके.


जानकारी ये भी है कि पटाखा संचालक राजू अग्रवाल के खिलाफ में शिकायत की गई थी. इसके बाद भी प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया. अगर प्रशासन एक्शन लेता तो आज इस वक्त यह दुर्घटना नहीं होती.