MP News:ओलावृष्टि से हुए नुकसान का निरीक्षण कार्य शुरू, इस आधार पर किसानों को मिलेगा मुआवजा
MP Hailstorm Damage Inspection: हरदा में ओलावृष्टि के बाद में क्षेत्र में निरीक्षण करने पहुंचे तहसीलदार एवं कृषि विभाग के अधिकारी. जिनसे किसानों ने कहा कि तत्काल सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाए और सरकार के द्वारा किसानों को राहत प्रदान की जाए.
अर्जुन देवड़ा / हरदा: जिले में कल रहटगांव ,टिमरनी क्षेत्र में बारिश के साथ में ओलावृष्टि हुई है. जिससे किसानों की गेहूं एवं चने की फसल में नुकसान हुआ है. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी किसानों की फसल का सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में प्रशासन जुट गया. बता दें कि आज ओलावृष्टि के बाद में क्षेत्र में तहसीलदार एवं कृषि विभाग के अधिकारी निरीक्षण करने पहुंचे. जिनसे किसानों ने कहा कि तत्काल सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाए और सरकार द्वारा किसानों को जल्द राहत प्रदान की जानी चाहिए.
प्रशासन ने लिया नुकसान का जायजा
बता दें कि आज हरदा जिला मुख्यालय से निरीक्षण करने के लिए कॄषि विभाग एवं तहसीलदार की टीम रहटगांव तहसील में पहुंची और किसानों के खेत में पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया. कॄषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि अभी प्राथमिक रूप से क्षेत्र में निरीक्षण किया जा रहा है. जिन किसानों का ज्यादा नुकसान हुआ है. उसका सर्वे रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी जाएंगी. गौरतलब है कि उसके बाद किसानों को राहत के तौर पर मुआवजा दिया जाएगा.
विदिशा में भी ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान
गौरतलब है कि पिछले दिनों प्रदेश के कई जिलों से फसल के नुकसान होने की खबरें आईं. जिसको लेकर सरकार का कहना है कि किसानों की मदद सरकार पूरी तरह से करेगी. बता दें कि प्रदेश के विदिशा जिले में भी घटना हुई. विदिशा जिले में तेज बारिश और ओलावृष्टि के बाद फसलों को बड़ा नुकसान हुआ. 25 से अधिक गांवों में तेज बारिश और ओलावृष्टि से सैकड़ों किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हुई. गेहूं, चना, मसूर की फसलें हुई बर्बाद. नुकसान का आकलन और जायजा लेने जिले के तमाम जनप्रतिनिधि और विदिशा कलेक्टर, तहसीलदार, एसडीएम सभी खेतों में उतरे हैं. चाठौली, तेवरी ,सुआखेड़ी चक, रामपुर, गुनुआ, पटवारी खेड़ी, हरजाखेड़ी, हथियाखेड़ा, घुरदा, खिरिया, मुडरा गनेशपुर, मणि, सिमरहार, अटारी और खेजड़ा जैसी जगह में ज्यादा नुकसान हुआ है. खासकर गेहूं की फसलें जो अपनी चमक के कारण ऊंचे दामों में बिकती थी, उनकी चमक भी फीकी हुई. किसानों पर पड़ी दोहरी मार पहले हुई तेज बारिश फिर गिरे ओले.