Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 1 अप्रैल को जारी एएसआई रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई न करने के आदेश को वापस लेने की गुहार लगाई है. अपनी अर्जी में हिंदू पक्ष ने कहा कि कमाल मौला मस्जिद कमेटी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई जांच पर रोक लगाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट आई थी. लेकिन एएसआई की टीम ने जांच पूरी कर ली है. इतना ही नहीं एएसआई ने जांच रिपोर्ट मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में भी दाखिल कर दी है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

1 अप्रैल के आदेश को वापस लेने की मांग
दरअसल, हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 1 अप्रैल को एएसआई रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई न करने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. हिंदू पक्ष का तर्क है कि एएसआई रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि भोजशाला में मंदिर है और अगर मुस्लिम पक्ष को रिपोर्ट पर कोई आपत्ति है तो वे हाईकोर्ट में अपना पक्ष रख सकते हैं. हिंदू पक्ष का यह भी कहना है कि हाईकोर्ट उचित आदेश पारित करने में सक्षम है.


यह भी पढ़ें: संतों ने उठाई आवाज! पुराने आदेशों का हो पालन, उज्जैन में दुकानों और होटलों पर नाम-पता लिखना जरूरी


 


ASI की रिपोर्ट में मंदिर होने की पुष्टि 
हिंदू पक्ष का कहना है कि ASI  की रिपोर्ट में वहां मंदिर होने की पुष्टि की गई है. अगर मुस्लिम पक्ष को रिपोर्ट पर कोई आपत्ति है तो वह हाईकोर्ट में अपना पक्ष रख सकता है. हाईकोर्ट इस पर उचित आदेश पारित करने में सक्षम है. इसलिए अब हाईकोर्ट की कार्रवाई रोकने का कोई औचित्य नहीं है.  हिंदू पक्ष ने कहा कि एएसआई ने 2047 पन्नों की रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें दावा किया गया है कि सनातन संस्कृति के कई चिन्ह मिले हैं. हिंदू पक्ष ने कहा कि न्याय के हित में सुप्रीम कोर्ट को अपना अंतरिम आदेश वापस लेना चाहिए ताकि मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में आगे बढ़ सके.


यह भी पढ़ें: MP कांग्रेस में दिग्गजों का मंथन, क्या चर्चा से बनेगी बात, जानिए क्यों अहम है यह बैठक


 


रिपोर्ट- कमल सोलंकी