नई दिल्लीः आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खानपान के कारण हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती जा रही है. कोलेस्ट्रोल एक मोम जैसा तत्व होता है, जो हमारे ब्लड में पाया जाता है. कोलेस्ट्रोल की अधिकता के कारण हमारी धमनियां सिकुड़ती जाती हैं और उनमें ब्लड सर्कुलेशन भी कम हो जाता है. कोलेस्ट्रोल दो तरह का होता है, एक गुड कोलेस्ट्रोल, जो हमारे शरीर के लिए जरूरी होता है और बैड कोलेस्ट्रोल, जो हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होता है और यह धमनियों में जमा होकर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है. 


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जब हार्ट को ब्लड की सप्लाई बाधित होती है तो इसकी वजह से हार्ट को ब्लड पंप करने के लिए ज्यादा जोर लगाना पड़ता है, इसके चलते हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. यही वजह है कि हाई कोलेस्ट्रोल को साइलेंट किलर भी कहा जाता है. उल्लेखनीय है कि कोलेस्ट्रोल का 75 फीसदी हिस्सा हमारे लिवर में बनता है और बाकी हम खाने के साथ लेते हैं. 


हिप्स में दर्द हो सकता है गंभीर लक्षण
जब हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल (एलडीएल)की मात्रा तय मात्रा से ज्यादा हो जाती है तो यह हमारी धमनियों में जमने लगता है, जिससे धमनियों में रक्त का प्रवाह कम होने लगता है. इससे हमारे शरीर को कई बीमारियां घेर लेती हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि हाई कोलेस्ट्रोल के चलते हिप्स मसल्स में दर्द की समस्या हो जाती है. दरअसल हिप्स को ब्लड की सप्लाई करने वाली धमनियों में कोलेस्ट्रोल के जमने के कारण हिप्स तक ऑक्सीजन की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाती, जिसकी वजह से ही दर्द होता है. 


कई बार लोग हिप्स में होने वाले दर्द को गठिया या हड्डियों की कमजोरी से जोड़कर देखते हैं लेकिन अगर आपके हिप्स में दर्द की समस्या आम हो रही है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. 


बता दें कि कोलेस्ट्रोल बढ़ने से पेरिफेरल धमनी रोग नामक बीमारी हो जाती है. इससे ब्लड की सप्लाई पैरों की तरफ थोड़ी बाधित होती है, इससे हिप्स मसल्स में दर्द, पैरों और टांगों में दर्द जैसी समस्याएं आ सकती हैं.  


कोलेस्ट्रोल बढ़ने से छाती में दर्द की समस्या भी हो सकती है. यह दिल की समस्या नहीं है बल्कि यह संकेत है कि हमारे शरीर में ऑक्सीजन सामान्य रूप से नहीं पहुंच रही है. अगर इस समस्या पर ध्यान ना दिया जाए तो यह हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है. वहीं अगर ब्रेन को ब्लड की सप्लाई करने वाली धमनियों में भी कोलेस्ट्रोल के चलते ब्लड की सप्लाई सामान्य तौर पर नहीं हो रही है तो इससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी रहता है.