श्यामदत्त चतुर्वेदी/भोपाल: मध्य प्रदेश में द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) की बहस में एक ट्वीट कर प्रदेश के IAS अफसर नियाज खान भी आ गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर फिल्म के निर्देशक विवेक अग्नीहोत्री (Vivek Agnihotri) का नाम लिए बिना कहा कि मुसलमान कीड़े नहीं, निर्माता उनके नरसंहार पर भी फिल्म बनाएं. इससे पहले भी नियाज खान आश्रम वेबसीरीज की टीम पर अपनी कहानी चुराने का आरोप लगाकर सुर्खियां बंटोर चुके हैं.


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कौन हैं IAS अफसर नियाज खान
नियाज खान मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. फिलहाल लोक निर्माण विभाग में उप सचिव के पद पर तैनात हैं. वे कई किताब लिख चुके हैं. नियाज अपने धर्म की हिंसक छवि को मिटाने के लिए भी रिसर्च कर रहे हैं. उनका मानना है कि इस्लाम के बदनाम होने के पीछे कई संगठनों की खराब छवि है.


आश्रम वेबसीरीज क्रेडिट का मामला कोर्ट में
नियाज खान अभी तक छह से अधिक उपन्यास लिख चुकें हैं. उनके एक उपन्यास पर आश्रम वेबसीरीज बनी है, जिसका क्रेडिट न मिलने पर नियाज खान ने आश्रम के निर्माता निर्देशक और कलाकार के खिलाफ न्यायालय में मामला दर्ज किया है.


इस्लाम की छवि सुधारने के लिए कर रहे हैं काम
युवा आईएएस नियाज खान दुनिया में इस्लाम की छवि सुधारने के लिए कुरान पर शोध कर रहें हैं. वे मोहम्मद साहब के जीवन पर लिखी किताबों का अध्ययन कर अपनी रिसर्च बुक यूरोप से प्रकाशित करवाना चाहते हैं. नियाज खान का दावा हैं कि वो सभी धर्मों में आस्था रखते हैं और वे शाकाहारी हैं.


इस्लामिक चरमपंथियों के खिलाफ लिखी किताब
हाल ही में उन्होंने इराक में यजीदियों पर नई किताब लिखी है- बी रेडी टू डाई. इसमें उन्होंने बताया है कि नॉर्थ इराक के यजीदी हिंदुओं का ही रूप हैं. वे भी हिंदुओं की तरह सूर्य और अग्नि के उपासक हैं. इस्लामिक चरमपंथियों ने उनका जमकर कत्लेआम किया.


किया था हिजाब का समर्थन
नियाज खान का विवादों में घिरना कोई नई बात नहीं है इसके पहले वो हिजाब विवाद में भी ट्वीट करते हुए लिखा था कि हिजाब हमारे जीवन की सुरक्षा करता है, साथ ही ये हमें प्रदूषण से भी सुरक्षित रखता है. इसलिए हिजाब को प्रोत्साहित करें जिससे लोग कोरोना और वायु प्रदूषण से सुरक्षित रह सकें. हिजाब या नकाब पर इतनी कंट्रोवर्सी क्यों?


खान सरनेम भूत की तरह पीछा कर रहा है
नियाज खान इससे पहले भी अपने सरनेम को लेकर ट्वीट कर चुके हैं. साल 2019 में नियाज खान ने अपने ट्वीट में लिखा था कि लिखा कि उनके नाम के साथ खान लगे होने के कारण उन्हें अपनी सर्विस के दौरान बहुत कुछ भुगतना पड़ा है और खान सरनेम भूत की तरह उनका पीछा कर रहा है.


अब क्यों आए चर्चा में
द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) को लेकर ट्वीट में IAS अफसर नियाज खान ने लिखा कि अलग-अलग मौकों पर मुसलमानों के नरसंहार को दिखाने के लिए एक किताब लिखने की सोच रहा हूं, ताकि निर्माता कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म बना सकें. अल्पसंख्यकों के दर्द और पीड़ा को देशवासियों के सामने लाया जा सके.


ब्राह्मणों को कश्मीर में सुरक्षित बसने की अनुमति हो
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा की कश्मीर फाइल्स ब्राह्मणों का दर्द दिखाती है. उन्हें पूरा सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए. निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए एक फिल्म बनानी चाहिए. मुसलमान कीड़े नहीं, बल्कि इंसान हैं और देश के नागरिक हैं.


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