प्रमोद शर्मा/भोपालः आईएएस अधिकारी पवन जैन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. दरअसल ईओडब्लू ने आईएएस पवन जैन के खिलाफ केस चलाने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है. अगर सरकार मंजूरी दे देती है तो फिर आईएएस पवन जैन के खिलाफ केस चलेगा. बता दें कि पवन जैन बीते दिनों एक दिव्यांग के साथ अभद्रता करने के मामले में चर्चा में आए थे, जिसके बाद उन्हें सीएम ने पद से हटा दिया था. 


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अब एक अन्य मामले में एडीएम पवन जैन की मुश्किलें और बढ़ती दिख रही हैं.  दरअसल ईओडब्लू ने 7 साल पुराने मामले में आईएएस पवन जैन के खिलाफ चालान पेश करने की सरकार से मंजूरी मांगी है. आईएएस होने के कारण मामला केंद्र तक जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद पवन जैन के खिलाफ केस चलेगा. बता दें कि साल 2015 में इंदौर के सांवेर के रहने वाले सैफुद्दीन ने तत्कालीन एसडीओ राजस्व पवन जैन के खिलाफ पद के दुरुपयोग की शिकायत की थी. 


शिकायत में कहा गया था कि बैतूल एसडीएम रहते हुए पवन जैन ने आदिवासियों की जमीन नियमों के विरुद्ध सामान्य वर्ग के लोगों को बेचने की अनुमति दी थी. इस मामले के खुलासे के बाद उन्हें बैतूल से हटा दिया गया था. पवन जैन ने रियल स्टेट से जुड़े मामले में सरकार को एक करोड़ रुपए के राजस्व की हानि कराई. अब 7 साल जांच के बाद ईओडब्लू ने पवन जैन समेत कई लोगों के खिलाफ चालान पेश करने के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी है. 


बता दें कि बीते दिनों सोनू पाठक नाम का दिव्यांग युवक इंदौर कलेक्टर ऑफिस पहुंचा था. दिव्यांग अपने दादा जी का मकान अपने नाम कराना चाहता था और इसके लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा था. जनसुनवाई में वह इंदौर एडीएम पवन जैन के सामने पहुंचा तो तभी अचानक उसका मोबाइल खुल गया और  उसका एक हिस्सा उछलकर एडीएम के मुंह पर लग गया. इस बात से एडीएम इतना नाराज और गुस्सा हो गए कि उन्होंने दिव्यांग के लिए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उसके साथ दुर्व्यवहार किया. साथ ही दिव्यांग युवक को कमरे से भी बाहर कर दिया.


यह मामला सीएम तक पहुंचा तो सीएम शिवराज ने इसे लेकर नाराजगी जताई और कहा कि जो हुआ वह एक दुर्घटना थी लेकिन एडीएम ने दिव्यांग के साथ जिस तरह का व्यवहार किया, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही सीएम ने एडीएम पवन जैन को इंदौर एडिशनल कलेक्टर के पद से हटाकर मंत्रालय में अटैच कर दिया है.