अभय पाठक/अनूपपुर: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक में 10 मार्च को छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प के बाद मामले को राजनीतिक तूल पकड़ते ही विश्वविद्यालय हरकत में आ गया. सांसदों द्वारा लिखे गए पत्र के बाद ट्विटर और सोशल मीडिया के माध्यम से राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों ने विश्वविद्यालय से जैसे ही कार्रवाई की मांग की, उसके बाद ही  विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया जो कि उक्त मामले के हर पहलू के तहत जाकर कार्रवाई करेगी. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कई धाराओं में मामला दर्ज 
विश्वविद्यालय द्वारा बनाई गई जांच समिति घटना के पहलुओं पर जांच करते हुए दो दिवस के अंदर पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की बात कही है. एनएसयूआई ने कुलपति से मिलकर ज्ञापन सौंप कर उक्त मामले पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई  कराने की मांग की है.एनएसयूआई के ज्ञापन देने के बाद देर शाम सोमवार को विश्वविद्यालय द्वारा उक्त मामले में संलिप्त 3 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. वहीं पुलिस ने छात्रों की शिकायत पर सुरक्षाकर्मियों पर मारपीट सहित कई धाराओं पर मुकदमा पंजीबद्ध कर लिया है.


राहुल गांधी ने भी उठाया था मुद्दा
ज्ञात हो कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय, अमरकंटक में छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प के बाद घायल केरल के छात्रों के पक्ष में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, सांसद राहुल गांधी सहित केरल के 5 सांसदो ने विश्वविद्यालय पर छात्रों पर क्षेत्र विशेष एवं समुदाय पर इनको टारगेट कर हमला होना बताते हुए सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.


उचित कार्रवाई की जाएगी:विश्वविद्यालय
विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. विजय कुमार दीक्षित ने छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुए घटनाक्रम पर सफाई देते हुए कहा कि 10 मार्च की घटना में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति ने सोमवार को 5 सदस्यीय कमेटी में  प्रो.नवीन शर्मा की अध्यक्षता में गठित की है. जिसमें भूमिनाथ त्रिपाठी, तरूण ठाकुर, नारायण मूर्ती एवं विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार सेलुनाथन को सदस्य बनाया गया है. कमेटी शीघ्र ही दोनों पक्षों से मिलकर उनसे बात कर जांच के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन को यह बताएगी कि इस घटनाक्रम में दोषी कौन हैं? इसके बाद विधी सम्मत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की बात को राजनीतिक मामला बनाया जा रहा है. छोटी सी घटना को जिस तरह राजनीतिक रंग देने का प्रयास दलों के नेताओं ने किया है, जो बिना सोचे समझे तिल को ताड़ बनाने का प्रयास कर रहे हैं.