एजुफ्यूचर एक्सीलेंस अवॉर्ड में ऑनलाइन एजुकेशन को लेकर ये बोले IIM इंदौर के निदेशक हिमांशु राय
एडुफ्यूचर एक्सीलेंस अवार्ड में आईआईएम इंदौर के निदेशक हिमांशु राय ने ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दिया.
EduFuture Excellence Award: कोरोना महामारी के आने के बाद इसने पूरी दुनिया के इतिहास को दो भागों में बांट दिया. एक कोरोना से पहले और दूसरा कोरोना के बाद. हालांकि अच्छी बात ये है कि कोरोना महामारी बहुत तेजी से खत्म रही है. गौरतलब है कि दुनिया में अब महामारी के बाद सब कुछ बदल गया है. ऑनलाइन शिक्षा, ऑनलाइन कमाई की अवधारणा ने भी दुनिया में काम करने के तरीके को बदल दिया है. गौरतलब है कि शिक्षा जगत में भी कोरोना महामारी के बाद बहुत कुछ बदल गया है. इस बदलाव के सिलसिले में आईआईएस के निदेशक हिमांशु राय ने आज दिल्ली में एडुफ्यूचर एक्सीलेंस अवार्ड में बात की. उन्होंने महामारी के बाद की दुनिया में ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा के तरीकों के बारे में बात की. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ये तरीके अब बदलने वाले नहीं हैं और लंबे समय तक रहेंगे. इसलिए इन दोनों के बीच सही संतुलन बनाने की जरूरत है. राय ने इस दौरान आईआईएम और आईआईटी के बीच आपसी सहयोग पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा, "दोनों विश्वविद्यालयों को वैश्विक स्तर पर भारत की छवि बदलने के लिए एक साथ आना चाहिए. "
बता दें कि हिमांशु राय आईआईएम इंदौर के निदेशक हैं. वो भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (IIMA) के पूर्व छात्र हैं. इससे पहले वे आईआईएम लखनऊ में प्रोफेसर थे. आईआईएम लखनऊ में उन्होंने 2006 से 2014 और 2016 तक एक शिक्षक के रूप में काम किया. इससे पहले, उन्होंने 2014 और 2016 के बीच इटली में एक शिक्षक के रूप में भी काम किया था.
सबसे बेस्ट था गुरुकुल सिस्टम : प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे
वहीं एआईसीटीई के प्रमुख प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ने एडुफ्यूचर एक्सीलेंस अवार्ड्स सीजन 2 में कहा कि पुराने समय का देश का गुरुकुल सिस्टम सबसे अच्छा था और इससे सबक सीखा जा सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि प्राचीन काल में भारत में विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय थे.
एजुफ्यूचर एक्सीलेंस अवॉर्ड (Edufuture Excellence Awards 2022)
बता दें कि एजुफ्यूचर एक्सीलेंस अवॉर्ड, ऐसे चेंज मेकर यानी बदलाव लानी वाली शख्सियतों को सम्मानित करता है. जो कि आने वाली पीढ़ियों के लिए अहम बदलाव लाते हैं और उन्हें प्रेरित भी करते हैं. अवॉर्ड का मुख्य उद्देश्य शिक्षा क्षेत्र की उन शख्सियतों, संस्थानों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना करना है. जिन्होंने शिक्षा जगत में कठोर परिश्रम के बूते अदभुत प्रदर्शन किया है.