ग्वालियरः सरकारी जमीन पर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा रखकर कब्जा करने का मामला सामने आया है. घटना ग्वालियर के बिलौआ इलाके की है, जहां गौशाला के लिए आवंटित जमीन पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा रखकर कब्जा करने की कोशिश की गई. इस दौरान गौशाला का उद्घाटन करने पहुंची लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी से स्थानीय लोगों की बहस हो गई. हालांकि बाद में प्रशासन ने डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा वहां से हटवाई. अब कलेक्टर ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं. 


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क्या है मामला
बिलौआ में गौशाला के लिए सरकारी जमीन आवंटित की गई थी. जिसका पूर्व मंत्री इमरती देवी द्वारा भूमि पूजन किया जाना था लेकिन उससे पहले ही रातों रात उस जगह संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित कर दी गई और जमीन को बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर आवंटित करने की मांग की जाने लगी. जब इमरती देवी भूमि पूजन के लिए पहुंची तो उन्हें देखकर भीम आर्मी से जुड़े कुछ लोगों ने इमरती देवी का विरोध किया. इस दौरान कुछ महिलाओं की इमरती देवी के साथ बहस भी हो गई. किसी तरह मामला संभला.


वहीं घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस प्रशासन हरकत में आया और पुलिस ने 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. कलेक्टर ने साफ कहा है कि महापुरुषों के नाम पर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया है. इस पूरे मसले पर इमरती देवी ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर कुछ लोग सरकारी जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं. जमीन गौशाला के लिए थी और वहां गौशाला बनाई जा रही है. 


लोगों के साथ हुई बहस पर इमरती देवी ने कहा कि जनता मेरी भगवान है, कुछ भी कह सकती है. उन्होंने कहा कि जो लोग साजिश कर रहे हैं, उनकी साजिशों से वह नहीं डरती हैं. उल्लेखनीय है कि इससे पहले इमरती देवी का भी एक बयान सुर्खियों में रहा था, जिसमें उन्होंने ही लोगों को सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए उकसाया था. अभी वह मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कल ही गौशाला का विवाद का सामने आ गया. 


वहीं पुलिस प्रशासन ने गौशाला की जमीन से डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा हटवाकर सुरक्षित रखवा दी है. वहीं विवाद के बाद तय किया गया है कि गौशाला का नाम डॉ. अंबेडकर के नाम पर रखा जाएगा.