प्रहलाद सेन/ग्वालियरः भारतीय नौसेना में सेवा दे चुके 8 ऑफिसर इन दिनों कतर सरकार की हिरासत में हैं. दरअसल इंडियन नेवी के ये अधिकारी कतर की राजधानी दोहा में एक कंपनी में काम कर रहे थे. 70 दिनों पहले इन्हें वहां की सरकार ने हिरासत में ले लिया. उसके बाद से ही ये लोग कतर सरकार की हिरासत में हैं. हिरासत में लिए गए पूर्व नेवी अफसरों में एक भोपाल के रहने वाले पूर्णेन्दु तिवारी भी शामिल हैं. अब पूर्णेंदु तिवारी की बहन डॉ. मीतू भार्गव ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी से उनके भाई समेत आठों रिटायर्ड नेवी अधिकारियों को छुड़ाने की गुहार लगाई है. 


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क्या है मामला
बता दें कि इंडियन नेवी के ये रिटायर्ड अधिकारी कतर में दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसलटेंसी सर्विसेज में काम कर रहे थे. पूर्णेंदु तिवारी इस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. ये अधिकारी कतरी एमिरी नौसेना के जवानों और अधिकारियों को ट्रेनिंग और दूसरी जरूरी सेवाएं दे रहे थे. 70 दिनों पहले कतर सरकार ने उन्हें अचानक हिरासत में ले लिया और उन्हें एकांत कारावास में रखा गया है. 


बता दें कि पूर्णेंदु तिवारी को साल 2019 में तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय सम्मान से भी सम्मानित किया था. ग्वालियर में रहने वाली पूर्णेंदु तिवारी की छोटी बहन डॉ. मीतू भार्गव और उनके पूरे परिवार का इस घटना के बाद से बुरा हाल है. मीतू भार्गव ने विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर उनके भाई समेत आठों रिटायर्ड नेवी अधिकारियों को छुड़ाने की अपील की है. 


डॉ मीतू का कहना है कि हिरासत में लिए गए सभी लोग इंडियन नेवी के रिटायर्ड अधिकारी हैं और उम्रदराज होने के चलते एकांत कारावास का उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि दोहा में भारतीय दूतावास को भी इस घटना के बारे में जानकारी है. 


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व नौसेना अधिकारी कतर की जिस कंपनी में काम कर रहे थे, वह कंपनी कतर की सुरक्षा और अन्य सरकारी एजेंसियों की स्थानीय व्यापार भागीदार के तौर पर काम कर रही है. इस कंपनी के सीईओ खामिस अल अजमी भी रॉयल ओमान एयर फोर्स के रिटायर्ड स्कवाड्रन लीडर रह चुके हैं. भारतीय अधिकारियों को किस आरोप में हिरासत में लिया गया है, यह अभी साफ नहीं है.