IRCTC Data Monetization : रेलवे अपने यात्रियों की सुरक्षा के लिए हमेशा सतर्क रहती है. इसके बावजूद भी दलाल ट्रेन की कन्फर्म टिकट झटक रहे हैं. रेलवे के आकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि टिकट के दलाल आईआरसीटीसी की वेबसाइट में कालाबजारी कर रहे हैं. रेलवे द्वारा पिछले सात साल में 37 लाख से अधिक निजी यूजर आईडी रद्द किए हैं. इसका मतलब साफ है कि दलाल और एजेंट आईआरसीटीसी में व्यक्तिगत यूजर आईडी बनाकर कन्फर्म टिकटों की सेंधमारी करते हैं.


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वेबसाइट को हिट करने वालो पर रहती है सेल की नजर
बीते 4 अगस्त 2022 को भाजपा नेता राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल संबंधी स्थायी समिति द्वारा संसद में पेश रिपार्ट में इसका खुलासा किया गया है. विभाग ने बताया है कि आरपीएफ और आईआरसीटीसी के आईटी एंटी फ्रॉड ने सेल शिकायत और जांच के आधार पर निजी यूजर आईडी रद्द करते हैं. इसमें दिन प्रतिदिन हर महीने तय संख्या में टिकटों की बुकिंग करने वाले और लगातार  वेबसाइट पर हिट करने वालों की गतिविधियों पर सेल नजर रखती है और यूजर की आईडी को रद्द किया जाता है.


दलालों की कालाबाजारी बड़ी समस्या
विभाग द्वारा मिले आकड़ो के मुताबिक वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक आईआरसीटीसी से 3744995 लाख निजी यूजर आईडी रद्द किए गए हैं. इस कार्रवाई की समिति विभाग ने प्रशंसा की है. लेकिन समिति ने कहा है कि 2019-20 में 1120236 यूजर आईडी रद्द करने के बाद भी अगले साल इसकी संख्या बढ़कर 1162493 हो गई है. समिति ने सिफारिश की है कि ई-टिकट बुकिंग में दलालों द्वारा कालाबाजारी एक बड़ी समस्या है, इसे ठीक करने की आवश्यकता है.


शुक्रवार को लिया गया फैसला
आपको बता दें कि समति की सुनवाई से पहले शुक्रवार को आईआरसीटीसी की वार्षिक आम बैठक में निर्णय लिया गया था कि फिलहाल आईआरसीटीसी के 10 करोड़ से अधिक उपभोक्ता हैं, जिसमें 7.5 करोड़ एक्टिल यूजर्स हैं. आईआरसीटीसी के निविदा दस्तावेज के अनुसार जिस आधार पर अध्ययन किया जाएगा, उसमें नाम, आयु, मोबाइल नंबर, ए़़ड्रेस, ईमेल आईडी शामिल है. 


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