Indian Railway: साल 2019 से लेकर 2022 तक रेलवे से सफर करने वाले सीनियर यात्रियों (Senior Passengers) की संख्या में काफी ज्यादा घटोत्तरी देखी गई है. लगातार घटती हुई संख्या की वजह से इस कैटेगरी से होने वाली कमाई भी 90 प्रतिशत से ज्यादा कम हो गई है. हाल में ही रेलवे (Railway) ने ये फिर से तय किया कि रेल यात्रा करने वाले सीनियर सिटीजन को किराए में कोई छूट नहीं दी जाएगी. बता दें कि कोरोना के पहले रेल यात्रियों को छूट दी जाती थी.


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वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में गिरावट
रेलवे के मुताबिक साल 2019 में रेलवे से सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 7.4 करोड़ थी. इन यात्रियों से रेलवे को उस समय करीब 1663 करोड़ रूपए की कमाई हुई थी. लेकिन उसके बाद से लगातार रेलवे से यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों में गिरावट देखी जा रही है. साल 2021 की बात करें तो यात्रा करने वाले नागरिकों की संख्या 7.4 करोड़ से कम होकर 1.3 करोड़ हो गई. इसके अलावा साल 2022 में सिर्फ 1.2 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने रेलवे यात्रा की.


कोरोना के बाद बंद हुई थी सेवाएं
देश में साल 2020 मार्च में कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू हो गया था. इसके बाद रेलवे ने अपने नियमों बदलाव किया था. इसके तहत अलग - अलग कैटेगरी में दी जाने वाली छूटों को वापस ले लिया था. इन नियमों में रेलवे के द्वारा दी जाने वाली वरिष्ठ नागरिकों की छूट भी शामिल थी. बता दें कि कोरोना के पहले तक 60 साल से ज्यादा उम्र के पुरूषों और 58 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को जन शताब्दी, दुरंतो, शताब्दी, राजधानी ट्रेनों में सफर करने पर उनके किराए में छूट मिलती थी.


2022 में बढ़ी सामान्य यात्रियों की संख्या
रेलवे के मुताबिक सामान्य रेल यात्रियों की संख्या में 2019 के बाद इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई है. साल 2022 में रेलवे ने कुल 53.54 करोड़ टिकटों को बेचा था. जिसके तहत रेलवे को 47,757 करोड़ रूपए का रेवन्यू मिला था.