Indore News: इंदौर। रक्तदान सबसे बड़ा दान कहलाता है लेकिन देहदान महादान कहलाता है. देश में देह दान के मामले में पहले शहरों में आने वाले इंदौर में और देहदान हुआ. यहां युवक के ब्रेन डेड होने पर परिजनों ने देह जान का फैसला लिया. इससे अहमदाबाद और इंदौर में 5 लोगों को नई जिंदगी मिल गई. इस कार्य के लिए इंदौर में 56वां ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और हादसे का शिकार हुए हरदा के ग्राम छिदगांव तमोली रहटगांव के रहने वाले सुनील राजपूत के जरिए लोगों को जिंदगी दी गई.


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सड़क दुर्घटना का शिकार
यह सड़क दुर्घटना ग्राम सोडलपुर से ग्राम मनिया खेड़ी के बीच हुई. एक्सीडेंट के बाद उपचार हेतु पहले बघेल हॉस्पिटल हरदा में ले जाया गया. इसके बाद युवक को विशेष जुपिटर हॉस्पिटल इंदौर स्थानांतरित किया गया. चार सदस्यीय चिकित्सक दल द्वारा ब्रेन डेथ सर्टिफिकेशन (प्रथम) सुबह 7:45 पर एवं (द्वितीय) जांच दोपहर 1:46 मिनट पर जारी किया गया.


परिजनों को दी गई काउंसलिंग
इंदौर के जूपिटर हॉस्पिटल सुनील राजपूत पिता मुकेश राजपूत के परिजनों को मुस्कान ग्रुप सेवादारों जीतू बगानी एवं संदीपन आर्य के द्वारा संभावित ब्रेन डेथ के उपरांत अंगदान हेतु ग्रीफ काउंसलिंग की गई. इसके बाद राजपूत परिवार ने स्वीकृति दी. स्वीकृति मिलते ही अंगदान की दिशा में तैयारियां प्रारंभ की गई.


बनाए गए 2 ग्रीम कॉरिडोर
आज रात्रि पहला ग्रीन कॉरिडोर 8:51 बजे जुपिटर विशेष हॉस्पिटल से 17 मिनट में 9:08 पर एयरपोर्ट पहुंचा. ग्रीन कॉरिडोर के द्वारा हार्ट और लंग्स लेकर एयरपोर्ट पहुंचा जहां से चार्टर प्लेन से अहमदाबाद भेजा गया. अहमदाबाद में रंगों सिम्स हॉस्पिटल के पंजीकृत रोगी को हृदय और फेफड़े का प्रत्यारोपण किया जाएगा.


दूसरा ग्रीन कॉरिडोर किडनी के लिए विशेष जुपिटर हॉस्पिटल से चोइथराम हॉस्पिटल के लिए रात्रि 8:58 बन कर 9:05 पर बना. जबकि, लीवर और एक किडनी विशेष जूपिटर हॉस्पिटल के ही पंजीकृत महिला महिला रोगी को प्रत्यारोपित किया गया.


इंदौर अंगदान में है अव्वल
अंगदान की स्थिति में पूरे भारत में सर्वप्रथम इंदौर में ही मेडिको लीगल केस में पोस्टमार्टम और पंचनामा शव के साथ परिवार को प्रदान करने का की शुरुआत हुई थी.