International Tiger Day 2022: आज है इंटरनेशनल टाइगर डे, इस मौके पर जानिए मानव जीवन में क्या है बाघ का महत्व
International Tiger Day 29 July 2022: आज अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस है. इस खास मौके पर आज हम आपको बताएंगे कि मानव जीवन में बाघ का क्या महत्व है.
विमलेश मिश्र/मण्डला: मौका है टाइगर्स डे (International Tiger Day 29 July 2022) का तो टाइगर्स की बात कान्हा नेशनल पार्क के साथ. अगर टाइगर स्टेट का पहला दर्जा मध्य प्रदेश को मिला है तो इसमें सबसे बड़ी भूमिका कान्हा नेशनल पार्क की है. हर साल यहां बाघों की आबादी बढ़ रही है. वर्ष 2021-22 में एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलाने में कान्हा की बड़ी भूमिका थी. अकेले कान्हा में करीब 120 बाघ थे जो इस साल बढ़ गए हैं. इन बढ़े हुए बाघों से एक बार फिर मप्र को टाइगर स्टेट का दर्जा मिलना लगभग तय है. पिछले पर्यटन वर्ष में यहां के बाघों की खासियत यह देखने को मिली है कि यह पर्यटकों के साथ सेल्फी लेने के लिए मशहूर हैं.
जो भी इस पार्क में आता है वह कभी निराश नहीं होता. यहां ऐसे बाघ हैं जिन्होंने देशी-विदेशी पर्यटकों के बीच अपना जलवा बिखेरा है. पर्यटकों को भी बाघों का व्यवहार इतना पसंद आने लगा है कि उन्होंने अपने दिमाग से बाघों का नाम तक रख दिया है. आखिर कौन हैं ऐसे बाघ ? कहां हैं इनका ठिकाना ? मानव जीवन में टाइगर का क्या है महत्व ऐसी बहुत सी बातें आज हम आपको बताएंगे।
एक बार फिर मिलेगा एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा
टाइगर रिजर्व में बाघ नहीं दिखे तो टाइगर रिजर्व का कोई मतलब नहीं है. वहीं कान्हा नेशनल पार्क में हर साल बाघों की संख्या में इजाफा होता है. वर्ष 2022 में बाघों की संख्या लगभग 120 थी, जो अब बढ़कर लगभग 140 हो गई है, इस गणना में लगभग 40 बाघ बच्चों को भी 2022 की अखिल भारतीय बाघ गणना में शामिल किया जाएगा और एक बार फिर मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिया जाएगा.
टाइगर स्टेट के नाम से मध्यप्रदेश को देश के साथ ही विदेशों में पहचान दिलाने वाला कान्हा नेशनल पार्क है. यहां ऐसे है बाघ है जो सैलानियो के बीच राज कर रहे हैं. सेल्फी लेने के लिए बड़े मशहूर हैं. वो पर्यटको को देख अपना रास्ता बदलते नहीं बल्कि उनके सामने ही चलते हैं और उन्हे सेल्फी लेने का भरपूर मौका देते हैं. अगर इन बाघों का मन आ जाए तो पर्यटको को घंटो तक अपने दिदार कराते हैं तो चलिए आपको कान्हा की शान से मिलाते हैं.
बाघिन नैना के बारे में जानिए
सबसे पहले मिलिए बाघिन नैना से जिसका कोड है T-76,ठिकाना है कान्हा जोन की गली न.7, खासियत है,अपने चार शावकों के साथ पर्यटकों को एक साथ दिखना. अपने शावकों के साथ मिलकर पर्यटकों के रास्ते को रोकना और उनके सामने ही T-76 नैना अपने चारों शावकों को जंगल में घुमा कर उन्हें वहां के कानून सिखाती नजर आती रहती है. जिस कारण यहां पहुंच रहे सैलानियों का रोमांच दोगुना हो रहा है. जिस कारण से नैना को खासा पंसद किया जा रहा है. ऐसे दृष्य देख पर्यटक चाहे फिर वह देशी हो या विदेशी नैना और उसके शावको को एक साथ देख ले सेल्फी लेकर उनकी तस्वीर को कैमरे में कैद करे बिना नहीं रह सकता.
ऐसी ही दूसरी बाघिन है नीलम. जिसका कोड है T-65,इसका ठिकाना है कान्हा मैदान की गली न.8.इसकी खासियत है कि ये भी अपने परिवार के साथ मिलकर पर्यटकों का रास्ता रोक लेती है और उनकी जिप्सी के आगे-आगे चलती है. बाघिन नीलम पर्यटकों को कई प्रकार की अदाएं भी दिखाती नजर आती है. ये बाघिन इन दिनों देश और विदेशों में काफी मशहूर हो रही हैं
कान्हा में रानियों की तरह राज कर रही हैं नैना और नीलम
कान्हा की शान और जान रहे मुन्ना बाघ के बाद नैना,नीलम को उसके शावकों के साथ खासा पसंद किया जा रहा है. टाइगर रिजर्व में नैना और नीलम अपने शावकों के साथ कभी भी आसानी से नजर आ जाती है. जिसे देख सैलानी बिना उन्हें अपने कैमरे में कैप्चर किए रह नहीं पाते. दरअसल कान्हा नेशनल पार्क की शान रहे मुन्ना बाघ के जाने के बाद पूरे पार्क में मायूसी सी छा गई क्योंकि मुन्ना बाघ सभी देशी-विदेशी पर्यटकों का चहेता रहा है. मुन्ना बाघ पर्यटकों के साथ सेल्फी लेने के लिए जाना जाता था, पर मुन्ना बाघ के जाने के बाद अब नैना और नीलम अपने पूरे परिवार के साथ कान्हा में रानियों की तरह राज कर रही हैं. नैना और नीलम का परिवार भी मुन्ना की तरह सभी पर्यटकों का पसंदीदा बन गया है और पर्यटकों का रास्ता रोक उन्हें अपने पूरे परिवार के साथ दिदार कराती है. साथ ही उन्हें सेल्फी और कैमरे में तस्वीर कैद करने का पूरा मौका देती हैं. मुन्ना बाघ के बाद नैना और नीलम बाघिन सबसे ज्यादा लोकप्रिय हो रही है.
कान्हा नेशनल पार्क के बाघों का नाम कोडवर्ड के तहत जैसे T-67, T-65 T-76, T-29 ऐसे ही रखा जाती है, लेकिन लगातार कान्हा नेशनल पार्क में पहुंचने वाले पर्यटक अपने पंसदीदा बाघ का नाम खुद से रख देते हैं. जैसे नैना, नीलम, मुन्ना, सुनैना आदि जिसके बाद ये बाघ काफी लोकप्रिय हो जाते हैं और कान्हा में पहुंचने के बाद पर्यटक इन्ही नामों के साथ जंगल की ओर आगे बढ़ते हैं और अपने मनपंसदीदा बाघ के दिदार करना चाहते हैं.
मानव जीवन में टाइगर्स की बड़ी भूमिका
टाइगर्स का मानव जीवन में बहुत बड़ी भूमिका है. अगर टाइगर हैं तो मानव जीवन और प्रकृति का बैलेंस बना हुआ है. अगर ये बैलेंस बना हुआ है तो हम सुरक्षित है और हम अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहे कि हमें अपनी प्रकृति को बचाना है. जिसका टाइगर एक सिंबल है. आइए इस खास मौके पर हम संकल्प लें कि हमें प्रकृति को समझना है. प्रकृति के जो रूप है वो हमारी सहयोग और सुरक्षा के लिए हैं. जिन्हे हमें हर हाल में बचाना है.