Indore Law College Controversy Update: एमपी में कई समय से धार्मिक कट्टरता के कई मामला सामने आ रहे हैं. हाल ही में इंदौर के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से भी ऐसा ही एक मामला आया था , जो लगातार चर्चा में है. दरअसल कॉलेज की लाइब्रेरी में हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक कंटेंट लिखी हुई किताब मिली थी, जिसकी लेखिका डॉ फरहत खान की पुलिस तलाश कर रही है. इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने  लेखिका डॉ फरहत खान की दूसरी विवादित किताब की भी जांच के आदेश दे दिया. इस किताब में हिन्दू देवी-देवताओं, ब्राह्मणों के खिलाफ अभद्र बातें लिखी हैं. दोनों किताब कॉलेज की लाइब्रेरी में मिली थी. इस मामले को लेकर नरोत्तम मिश्रा का एक और बड़ा बयान आया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विवादित पुस्तक की लेखिका डॉ फरहद खान और आरोपी शिक्षकों के प्रोफ़ाइल की भी जांच होगी. अंदेशा है कि इसके तार  PFI और देशविरोधी तत्वों से तो नहीं जुड़े हैं.  नरोत्तम मिश्रा ने कहा लॉ कॉलेज मामले में अब इस एंगल पर भी जांच होगी. विवादित पुस्तक की लेखिका डॉ फरहद खान, प्रभारी प्राचार्य और सहायक प्राध्यापक डॉ मिर्जा मौजीज बेग सहित अन्य हटाये गए शिक्षकों के प्रोफ़ाइल की भी जांच होगी.  जांच के बाद और सख्त कार्रवाई होगी. गृह मंत्री ने कहा समाज के समरसता की सरकार को चिंता है. इस तरह की एक्टिविटी बर्दाश्त नहीं होगा. 


विवादित किताबों में से एक का नाम है 'महिलाएं एवं आपराधिक विधि'. एबीवीपी ने मामले पर बताया था ये किताब 2018-19 में खरीद कर छात्रों के पढ़ने के लिए लाइब्रेरी में रखी थी. पहली विवादास्पद किताब सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति है. लेखिका डॉ.फरहत खान और चार लोगों के खिलाफ छात्र संगठनों ने शिकायत की थी. इसके बाद भंवरकुआं पुलिस ने केस दर्ज किया था. किताब में लिखा है कि 'हिन्दू समुदाय की स्त्रियों की स्थिति पर विचार किया जाए तो हम पाते हैं कि विभिन्न युगों में स्त्रियों की स्थिति बहुत दयनीय थी. सभी युगों में पुरुष प्रधान सामाजिक व्यवस्था होने से स्त्रियों को एक वस्तु तथा वासना-पूर्ति का साधन मान लिया गया. सभी धर्मग्रन्थों की रचना पुरुषों द्वारा इस तरह की गई, जिससे स्त्रियां सदैव उनके अधीन रहे'.


विवादित किताब में लिखा है कि किताब में लिखा है कि ‘नारी पर अत्याचारों का सिलसिला थमने का नाम नहीं लेता, स्थिति के नाम पर 21वीं सदी भी बहुत ज्यादा बेहतर परिणाम देने में सफल नहीं रही है. आज भी द्रौपदी का चीर हरण, सीता का अपहरण, इस युग में देखने को मिलते हैं, परन्तु अबला स्त्री के लिए न कृष्ण है न राम. कुरान शरीफ में कहा गया है कि आदमी औरत का संरक्षक है, क्योंकि अल्लाह ने एक को दूसरे से अधिक बलशाली बनाया है और चूंकि वह औरत का रखरखाव अपनी कमाई से करता है, अत:अच्छी औरतें आज्ञाकारिणी होती है’.