MP News: यौन शोषण मामले में राघवजी के खिलाफ FIR रद्द! क्या अब पूर्व मंत्री लड़ेंगे चुनाव? जानें
MP Former Minister Raghavji Case: जबलपुर हाई कोर्ट ने साजिश का हवाला देते हुए राघवजी के खिलाफ यौन शोषण की एफआईआर खारिज कर दी है. फैसले के बाद राघवजी ने आभार व्यक्त करते कहा कि वह भविष्य के चुनाव नहीं लड़ेंगे.
दीपेश शाह/विदिशा: मध्यप्रदेश (MP News) के जबलपुर उच्च न्यायालय (Jabalpur High Court) ने राघवजी के खिलाफ दायर उन प्राथमिकियों को खारिज करने का अंतरिम आदेश जारी किया है, जिन पर उनके कर्मचारी ने 2013 में यौन शोषण का आरोप लगाया था. अदालत ने कहा कि प्राथमिकी एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति को बदनाम करने की साजिश थी. वहीं इस आदेश के बाद राघवजी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सच्चाई की जीत हुई और अदालत ने उनके खिलाफ साजिश का पर्दाफाश किया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, बहुउचर्चित यौन शोषण के मामले में 2013 में उन्हीं के कर्मचारी राजकुमार दांगी द्वारा राघवजी पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया था. भोपाल पुलिस द्वारा 377 धारा को लेकर एफ आई आर दर्ज की थी. इस f.i.r. के विरोध में राघव जी द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट में f.i.r. निरस्त करने की मांग की गई थी. लगभग 10 साल के लंबे समय के बाद कल जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा अंतरिम आदेश के रूप में राघवजी पर हुई सभी f.i.r. को स्वता निरस्त करने का आदेश दिया है. इस जजमेंट की जानकारी लगते ही विदिशा में सोशल मीडिया पर राघव जी को बधाइयां देने का ताता शुरू हो गया. सुबह से ही राघव जी के निवास पर लोगों का जमावड़ा इकट्ठा हो गया. फूल माला और मिठाई खिलाकर लोग राघव जी को बधाइयां देते नजर आए.
सच की जीत और साजिश का पर्दाफाश: राघव जी
वहीं इस पूरे मामले में राघव जी का कहना है कि सच्चाई की जीत हुई है और षडयंत्र का पर्दाफाश हुआ है. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था. देर से ही सही पर सही निर्णय लिया गया है. सिर पर एक बड़ा भारी बोझ था. जो अब हट गया है. मैं पूरी तरह निर्दोष था और अब न्यायालय द्वारा भी मुझे निर्दोष करार दिया गया है.वहीं चुनाव लड़ने पर राघवजी ने कहा कि मैं आगे कभी भी कोई भी चुनाव नहीं लडूंगा.
न्यायालय ने आदेश में ये कहा
जबलपुर हाई कोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो रखने वाले व्यक्ति की छवि धूमिल करने के लिए प्रतिद्वंद्वियों के इशारे पर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई. अपराधिक कार्रवाई में स्पष्ट रूप से दुर्भावनाबाद उपस्थित है. एकल पीठ ने F.I.R को खारिज करने के आदेश दिए हैं.