MP News: जबलपुर। ऑनलाइन गैंबलिंग (Online Gambling) पर नियंत्रण करने के कानून का ड्राफ्ट हाई कोर्ट (Jabalpur High Court) में पेश नहीं करने और विधानसभा (MP Assembly) में विचार के लिए रखे जाने के तिथि की जानकारी नहीं देने पर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) को तलब किया है. राज्य शासन के लचर रवैया को लेकर न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल (Justice Vivek Agrawal) की एकलपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए 7 दिन के भीतर ड्राफ्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.


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कोर्ट में सरकार ने पहले रखा था ये पक्ष
हाई कोर्ट ने कहा है की पिछली सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता द्वारा बताया गया था कि ऑनलाइन गैंबलिंग पर नियंत्रण के लिए कानून बनाने पर राज्य के वरिष्ठ सचिवों की कमेटी विचार कर रही है. साथ ही अधिवक्ता द्वारा यह भी कहा गया था कि कानून तैयार करने में 3 महीने का वक्त लगेगा. जिसके बाद विधानसभा में अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. लेकिन, अभी तक ऐसा नहीं हुआ है.


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कोर्ट ने दिया 7 दिन का समय
न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने प्रमुख सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग को निर्देश दिए हैं कि 7 दिन के भीतर कमेटी द्वारा तैयार किया गया ड्राफ्ट पेश करें और यह भी बताएं कि ऑनलाइन गैंबलिंग के लिए बिल विधानसभा में बहस और वोटिंग के लिए कब रखा जाएगा.


देनी होगी अधिकारियों को व्यक्तिगत हाजिर
कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहां है कि आगामी सुनवाई तक अगर अधिकारियों के द्वारा हलफनामा पेश नहीं किया गया तो अधिकारियों को व्यक्तिगत हाजिर होने के कोर्ट आदेश जारी किए जाएंगे. इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने राज्य शासन का वह भी आदेश निरस्त कर दिया जिसके जरिए पूर्व में तीन माह की समय सीमा दिए जाने का आदेश वापस लेने की मांग की गई थी. हालांकि अब ऑनलाइन गैंबलिंग मामले की सुनवाई 21 मार्च को होगी.