Jabalpur Mahakaushal Politics: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत का कल मंगलवार को जबलपुर आगमन होगा. मोहन भागवत संस्कारधानी में आयोजित संत समागम कार्यक्रम में शामिल होंगे. इसे लेकर जिला प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी है. बता दें कि 18 अप्रैल को श्यामा देवाचार्य महाराज की पुण्यतिथि है. इसी अवसर पर नरसिंह मंदिर परिसर में सनातन महासभा द्वारा श्री राम कथा और संत समागम का आयोजन किया गया है. इस दौरान मोहन भागवत ब्रह्मलीन जगतगुरु श्यामा देवाचार्य की प्रतिमा का 10 बजे अनावरण करेंगे. शाम 4: 45 बजे मानस भवन में रामानंदाचार्य के प्राकट्य 723 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में व्ख्यान भी देंगे. 


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चूंकि साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए मोहन भागवत के जबलपुर दौरे को राजनीतिक गलियारों में अलग ही नजरिए से देखा जा रहा है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जबलपुर और महाकौशल में बीजेपी बहुत कमजोर है, इसलिए संघ पूरी तरह सक्रिय हो रहा है.


बीजेपी महाकौशल में क्यों हो रही है  कमजोर?


-बता दें कि संस्कारधानी जबलपुर में इस तरह का मुद्दा बनाया जा रहा है कि बीजेपी सरकार द्वारा संस्कारधानी और महाकौशल का तिरस्कार किया जा रहा है और क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं किए जा रहे हैं. खास बात ये है कि ये बात विपक्षियों से ज्यादा आम लोगों द्वारा की जा रही है. सोशल मीडिया पर इस तरह की कई पोस्ट को देखा जा सकता है और इस तरह की पोस्ट ने बीजेपी सरकार की चिंता बढ़ा दी है. 


-साथ ही जबलपुर में कई स्थानीय पत्रकार व समाजसेवी जबलपुर के विकास का मुद्दा उठा रहे हैं. इन बातों की चर्चा कई दिनों से हो रही है कि जबलपुर के हिस्से का विकास कार्य भोपाल, इंदौर और ग्वालियर जैसे शहरों में हो रहा है.


-बता दें कि बीजेपी की चिंता भी इन सभी मुद्दों से बढ़ी है. गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो उसमें भी महाकौशल की क्षेत्र की बात करें तो बीजेपी को यहां की 38 सीटों में से 13 सीटें मिली थीं.  वहीं जबलपुर शहर की बात करें तो जिले में 8 में से 4 सीटों में ही बीजेपी की जीत हुई थी.इसके साथ ही हाल ही में संपन्न हुए नगर निगम चुनाव के नतीजों से भाजपा की चिंता और ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि महाकौशल में आने वाले सभी नगर निगमों में भाजपा की हार हुई है. पार्टी को जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा में हार का सामना करना पड़ा था.


-शहर में इस बात की भी चर्चा है कि जिस तरह से अलग विंध्य की मांग किए जाने से पिछले कुछ समय से भाजपा सरकार का फोकस विंध्य पर है. वहां विकास कार्य कराया जा रहा है. जिसमें रीवा का एयरपोर्ट, सिंगरौली का मेडिकल कॉलेज, मोहनिया टनल, रीवा का सबसे बड़ा सोलर पावर प्रोजेक्ट प्लांट आदि विकास कार्य शामिल हैं. एक बार फिर पीएम मोदी रीवा आ रहे हैं और हो सकता है कि रीवा को वंदे भारत ट्रेन की सौगात मिल जाए. इसलिए कुछ लोगों द्वारा अलग महाकौशल राज्य की मांग उठ रही है. उनका मानना इससे ही अब क्षेत्र का विकास हो सकता है.


इसलिए इन सब बातों से समझा जा सकता है कि महाकौशल और जबलपुर में कहीं न कहीं बीजेपी की जमीन खिसकती जा रही है और इसी वजह से आर.एस.एस. सक्रिय हो रहा है. बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज भी हाल ही में जबलपुर पहुंचे थे.