अब बदलेगा जबलपुर स्टेशन का नाम! शिवराज सरकार ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव; जानें क्या हो सकता है नया नाम
Jabalpur Railway Station: मध्यप्रदेश के जबलपुर रेलवे स्टेशन (Jabalpur Railway Station) के नाम को बदलने को लेकर चर्चा तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि इसके लिए राज्य सरकार (State Government) द्वारा रेल मंत्रालय को पत्र भी भेज दिया गया है. जबकि, स्थानीय भाजपा (BJP) सांसद राकेश सिंह (Rakesh Singh) ने नाम बदलने के मांग को लेकर रेलवे अधिकारियों से भी मुलाकात की.
Jabalpur Railway Station: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर रेलवे स्टेशन का भी नाम बदलने की मांग तेज हो गई है. ये मांग बीजेपी सांसद राकेश सिंह (MP Rakesh Singh) ने उठाई है. इसके तहत सांसद ने रेल अधिकारियों से मुलाकात भी की और जबलपुर स्टेशन का नाम रानी दुर्गावती स्टेशन (Rani Durgavati Station) रखने की बात कही. ये स्टेशन लगभग 150 साल पहले बना हुआ था. इसके अलावा कहा जा रहा है कि स्टेशन के नाम बदलने का प्रस्ताव राज्य सरकार (Shivraj Sarkar) द्वारा रेल मंत्रालय को भी भेजा जा चुका है.
1867 में शुरू हुआ था आवागमन
जबलपुर स्टेशन की बात करें ये स्टेशन काफी ज्यादा ऐतिहासिक है. ब्रिटिश शासन काल में इसे ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे और ईस्ट इंडियन रेलवे के बीच इंटरचेंज स्टेशन के रूप में बनाया गया था. यह स्टेशन मुम्बई-कोलकाता रेल मार्ग का प्रमुख जंक्शन है. इससे होकर कई महत्वपूर्ण ट्रेनें गुजरती है. इसके अलावा बता दें कि अंग्रेजो के शासन में इसे जुबुलपुर स्टेशन कहा जाता था.
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रानी दुर्गावती होगा स्टेशन का नाम
जबलपुर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी दुर्गावती रखे जाने की मांग तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि इसे लेकर के कागजी कार्यवाही भी पूरी हो गई है. ये मांग जबलपुर के सासंद राकेश सिंह ने उठाई है. रानी दुर्गावती का जन्म जबलपुर में हुआ था और आदिवासी समाज के लोग रानी दुर्गावती के ऊपर गर्व भी करते है. ये गोंडवाना साम्राज्य की एक आदिवासी रानी थीं इनके किस्से आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं.
आदिवासियों को साधने की तैयारी
स्टेशन का नाम बदलने के पीछे भाजपा की आदिवासियों को साधने की तैयारी बताई जा रहा है. कहा जा रहा है कि रानी दुर्गावती नाम होने से आदिवासी समाज के लिए एक शुभ संकेत जाएगा. अगर हम एमपी की राजनीति की वर्तमान परिस्थितियों की बात करें तो 230 विधानसभा सीटों में 47 सीटें आदिवासी आरक्षित सीटे हैं. जबकि राज्य में आदिवासियों की कुल आबादी 21 प्रतिशत के आसपास है.
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इससे पहले भी बदले गए हैं नाम
प्रदेश में स्टेशन के नामों को बदलने की बात करें तो बीते दिनों भी स्टेशन के नाम बदले गए थे. इससे पहले हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर कमलापति रेलवे स्टेशन रखा गया था. जबकि मुल्लापुरा का नाम बदलकर मुरलीपुर रखा गया था. साथ ही साथ इस्लाम नगर का नाम बदल कर जगदीशपुर हुआ था. इसके अलावा बता दें कि राजधानी भोपाल का भी नाम बदलने की मांग की जा रही है.