Jabalpur Vidhan Sabha Congress Vs BJP Condidate List:  मध्य प्रदेश में चुनावी गाथा अपने चरम पर पहुंच गई है. जबलपुर पश्चिम में  राउंड 17 के नतीजे के बाद बीजेपी के राकेश सिंह 30,435 वोटों के साथ चुनाव जीत गए हैं. राकेश सिंह ने 95,381 वोट पाए. वहीं, कांग्रेस के तरूण भनोट 64,946 वोट पाकर चुनाव हार गए. बता दें कि 2023 के एमपी चुनाव के लिए जबलपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला था और इसके रिजल्ट पर सभी लोगों की नजरें थीं. कांग्रेस ने इस सीट से मौजूदा विधायक तरुण भनोट को टिकट दिया था. वहीं, भाजपा ने यहां सांसद राकेश सिंह को मैदान में उतारा था.


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इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के तरूण भनोट ने 2018 में चुनाव जीता था.  उन्होंने जबलपुर पश्चिम सीट में 2013 और 2018 में लगातार दो बार जीत हासिल की है.  2018 से 2020 तक कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार में भी वित्त मंत्री के रूप में भी तरुण भनोट ने काम किया. 2023 चुनाव के लिए पार्टी ने तरुण भनोट को टिकट दिया. बता दें कि भाजपा को इस सीट पर 2013 और 2018 के चुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ा है. जिसके बाद भाजपा ने 2023 चुनाव के लिए सांसद राकेश सिंह को उम्मीदवार बनाया. राकेश सिंह 2004 से जबलपुर से सांसद हैं. इसके अलावा, उन्हें 18 अप्रैल, 2018 एमपी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी. उन्होंने नंदकुमार सिंह चौहान की जगह ली थी. जो अगस्त 2014 से इस पद पर थे और बाद में फरवरी 2020 में वी. डी. शर्मा ने उनकी जगह ली थी.


पिछले चुनाव का परिणाम
2013 और 2018 के चुनाव परिणाम बताते हैं कि तरुण भनोट ने 2013 में हरेंद्र जीत सिंह बब्बू के खिलाफ 923 वोटों और 2018 में 18,683 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. बता दें कि इस सीट के इतिहास की बात करें तो ये पता चलता है कि इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला हुआ है. जिसमें दोनों पार्टियों को जीत मिली है. 


जातीय समीकरण
जबलपुर पश्चिम विधानसभा सीट में जिले की सभी सीटों में से मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. कुल मिलाकर, यहां 218,903 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 111,672 पुरुष, 107,220 महिलाएं और 11 अन्य शामिल हैं. जातीय समीकरण के संदर्भ में, जबलपुर जिले की पश्चिम विधानसभा सीट में मतदाता इस प्रकार है: 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति वर्ग से हैं, 4 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं, 23 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं, और 15 फीसदी अल्पसंख्यक वर्ग में आते हैं. इसके अतिरिक्त, मतदाताओं का सबसे बड़ा वर्ग, जो 45 प्रतिशत है, वो सामान्य वर्ग का है.