Adivasi Adhikar Yatra: भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 (MP Assembly Elections 2023) के लिए राजनीतिक दलों ने बिगुल फूंक दिया है. कांग्रेस और बीजेपी के आला नेता हर वर्ग को साधने के लिए अपने-अपने प्लान पर तैयारी कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस और बीजेपी का खेल बिगाड़ने के लिए विधायक हीरालाल अलावा (Hiralal Alawa) का संगठन जयस (Jayas) मैदान में उतर आया है. प्रदेश के आदिवासी जिलों में आदिवासी अधिकार यात्रा निकाली जा रही है, जिससे कहीं न कहीं दोनों दलों की टेंशन बढ़ गई है.


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आदिवासी अधिकार यात्रा
आज से जयस आदिवासी जिलों में आदिवासी अधिकार यात्रा निकाल रहा है. इसकी सुरुआत धार और झाबुआ से की गई है. इसमें आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार, आदिवासियों के विकास को लेकर बात उठाई जाएगी. यात्रा झाबुआ के बाद आलीराजपुर, बड़वानी, धार, खरगोन, समेत अन्य जिलों में पहुंचेगी. इस दौरान जयस के कार्यकर्ता घर-घर जाएंगे और संपर्क साधेंगे.


क्यों बढ़ रही है टेंशन?
आदिवासी संगठन जयस ने 80 विधानसभा सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारने का ऐलान है.इससे कांग्रेस ही नहीं बीजेपी को भी बड़ा झटका लगा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता आदिवासियों के वोटों के सहारे ही मिली थी. 47 सीटों में से कांग्रेस को 30 सीटें मिली थीं. लेकिन, इस बार अगर जयस मैदान में उतर आई तो कांग्रेस की राह मुस्किल हो जाएगी. बीजेपी को भी कड़ी जद्दोजहत कनी पड़ेगी.


बीजेपी कांग्रेस कर रही है काउंटर
सीधे तौर पर न सही लेकिन, जयस के ऐलान के बाद भाजपा और कांग्रेस ने उसे काउंटर करने के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया है. कांग्रेस सभी 47 विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन कर रही है. इसके जरिए कमलनाथ सियासी कास्ट प्लान तैयार कर रहे हैं. वहीं बीजेपी भी इस मामले में पीछे नहीं है पिछले कुछ दिनों में भाजपा ने कई ऐसे कार्यक्रम किए हैं, जिसमें आदिवासी वर्ग फोकस में रहे हैं. वहीं अभी रविदास जयंती के बाद से प्रदेश भर में सरकार के कार्यक्रम हो रहे हैं. यानी पक्ष विपक्ष दोनों इन वोटों को साधने के लिए जयस के खिलाफ एक जुट हैं.