प्रमोद शर्मा/भोपाल: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 होने में अब एक साल से भी कम समय बचा हुआ है. प्रदेश की दो प्रमुख पार्टी कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही आदिवासी वोटरों को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. वहीं अब इन दोनों पार्टियों को टक्कर देने के लिए आदिवासी संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) तीसरा विकल्प बनकर सामने आ रहा है. जो अगामी चुनाव को लेकर लगातार ही तैयारी में जुट गया है. 


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जयस का शक्ति प्रदर्शन आज
अब जयस का बढ़ता दायरा एक तरफ जहां कांग्रेस की चिंता बढ़ा रहा है तो वहीं भाजपा का समीकरण भी बिगाड़ सकता है. आज शनिवार जयस की कई संगठनों के साथ राजधानी में बड़ी बैठक होने वाली है. राजधानी में 10 से ज्यादा राजनीतिक दलों ओर सामाजिक संगठनों के प्रमुख के साथ ये बैठक होगी.


MP की 100 सीटों पर जयस लडे़गी 2023 का चुनाव, बीजेपी-कांग्रेस की बढ़ी टेंशन!


जयस ने दायरा बढ़ाना शुरू किया
कांग्रेस और बीजेपी के लिए टेंशन की बात अब  ये है कि जयस ने अपना दायरा बढ़ाना शुरू कर दिया है. जयस एससी और ओबीसी वर्ग जातियों को अपने साथ मिलाकर चल रहा है. वहीं  समता समाधान पार्टी, ओबीसी महासभा , मुस्लिम वर्ग के संगठन सहित कई संगठनों के प्रमुख आज बैठक में शामिल होंगे. इसके अलावा इस बैठक में प्रदेश के पूर्व विधायक और सांसद भी शामिल होंगे. जयस संरक्षक डॉ हीरालाल अलावा ने इसे लेकर कहा कि जयस सर्व समाज जोडो अभियान चला रहा है.


2023 में इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ने दावा
गौरतलब है कि एमपी की 230 विधानसभा सीटों में 47 आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है. वहीं हीरा अलावा फिलहाल कांग्रेस से विधायक है. अलावा का दावा है कि प्रदेश की अन्य 35 सीटें ऐसी हैं, जहां हार-जीत आदिवासी वोटर्स से तय होती है. इन सीटों को मिलाकर 100 सीटों पर जयस के प्रत्याशी उतारने की प्लानिंग पर अलावा काम कर रहे हैं. वहीं जयस ने ओबीसी, समता पार्टी, आईएमआईएम का समर्थन के साथ 100 से ज्यादा विधानसभा सीट पर चुनाव इंडिपेंडेंट लड़ने का दावा ठोक दिया है.


समर्थन के बिना सरकार नहीं  
बीते दिनों हीरालाल अलावा ने कहा था कि 100 के आसपास विधानसभा सीट पर जयस अलग-अलग वर्गों के समर्थन के साथ चुनाव लड़ेगी.  हीरालाल अलावा ने ये दावा ठोका था कि बिना जयस के समर्थन के 2023 में किसी की सरकार नहीं बनेगी.