Jhabua Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल एक-एक विधानसभा सीट पर तैयारियों में जुटे हैं. इस बीच आदिवासी बाहुल्य झाबुआ विधानसभा में भी चुनावी हलचल देखने को मिल रही है. बीजेपी की ओर से यहां भानु भुरिया को टिकट दे दिया गया है, अब देखना होगा कि कांग्रसे उनके समाने किसे उतारती है. फिलहाल यहां पर कांग्रेस के दिग्गज कांतिलाल भूरिया विधायक हैं. आईये जानते हैं, इस सीट का पूरा समीकरण...


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बता दें कि झाबुआ विधानसभा आदिवासी और किसान बाहुल्य सीट है. यहां की सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. झाबुआ निमाड़ अंचल की सबसे चर्चित विधानसभाओं में से एक मानी जाती है.


झाबुआ सीट जातीय समीकरण
झाबुआ विधानसभा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. यहां बड़ संख्या में आदिवासी लोग रहते हैं. झाबुआ के चुनाव में जातिगत समीकरण काफी मायने रखते हैं, और इन्हीं से हार जीत का समीकरण तय होता है. यहां की 85 प्रतिशत आबादी आदिवासी है, लेकिन वोटर्स अलग-अलग वर्ग के हैं.


झाबुआ कुल मतदाता 
कुल मतदाता - 2 लाख 77 हजार (2019 उपचुनाव के मुताबिक)
पुरुष मतदाता - 1 लाख 39 हजार 
महिला मतदाता - 1 लाख 38 हजार 
यहां 85 प्रतिशत आदिवासी मतदाता में भील, पटलिया, भिलाला मतदाता हैं.  यहां भील मतदाता करीब 1 लाख 30 हजार, पटलिया मतदाता 65 हजार, भिलाला करीब 22 हजार मतदाता हैं. इसके अलावा यहां 30 हजार ईसाई मतदाता और सामान्य, मुस्लिम, ओबीसी, अन्य मतदाता करीब 50 हजार हैं.


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झाबुआ सीट का राजनीतिक इतिहास
झाबुआ सीट के राजनीतिक इतिहास को देखा जाए तो 1977 के बाद से यहां कांग्रेस 8 बार और बीजेपी 3 बार विजयी हो चुकी है. 1977 से कांग्रेस के बापू सिंह डामर यहां 5 बार विधायक बने. फिर 1998 में कांग्रेस के स्वरुप भाई भाबर को जीत मिली. पहली बार बीजेपी ने यहां 2003 में अपना खाता खोला. लेकिन फिर 2008 के चुनाव में ये सीट कांग्रेस के पास आ गई. इसके बाद 2013 में बीजेपी ने हार का बदला लिया. और 2018 में भी बीजेपी के पास ही ये सीट गई. लेकिन गुमान सिंह डामोर के लोकसभा में जाने के बाद यहां उपचुनाव हुए तो कांग्रेस ने इस सीट को छीन लिया.


कैसा रहा 2018 का नतीजा
साल 2018 में झाबुआ की सीट से कांतिलाल भूरिया के बेटे ने चुनाव लड़ा था. उनके सामने बीजेपी के गुमान सिंह डामोर के बीच चुनाव हुआ. जिसमें कांतिलाल भूरिया के बेटे को हार मिली. वहीं 2019 में गुमान सिंह डामोर लोकसभा चले गए, फिर इस सीट पर उपचुनाव हुए. उपचुनाव में यहां 60.01 फीसदी वोटिंग हुई. जिसमें कांतिलाल ने ये चुनाव जीत लिया. कांतिलाल भूरिया को 96,155 वोट मिले तो वहीं बीजेपी के भानू के खाते में 68,351 वोट आए.