आकाश द्विवेदी/भोपालः कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया था. जिसके बाद खुद उनकी पार्टी के नेता कमलनाथ ने इसकी आलोचना की थी और कहा था कि यह पार्टी का फैसला नहीं है. सीएम शिवराज समेत भाजपा नेताओं ने भी जीतू पटवारी के इस कदम की आलोचना की थी और इसे सदन की गरिमा के विपरीत बताया था. इस विवाद के बाद आज जीतू पटवारी सदन पहुंचे तो उनके तेवर भी कुछ नरम दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि कमलनाथ उनके नेता हैं और हमेशा रहेंगे. 


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जीतू पटवारी ने कही ये बात
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि कमलनाथ अनुभवी नेता हैं और उनके अनुभव को नकारा नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि जो कमलनाथ ने कहा है मैं उसका पालन करूंगा. हम जैसे छोटे नेता कमलनाथ के पांव की धूल के बराबर भी नहीं हैं. राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार के फैसले का बचाव करते हुए जीतू पटवारी ने मुझसे पहले भी 13 बार अलग-अलग तरीके से राज्यपाल के अभिभाषण का विरोध हो चुका है. 


जीतू पटवारी ने सरकार पर साधा निशाना
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कार्यवाही के दौरान सदन की अवधि को लेकर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि दो साल में 38 दिन सदन आहूत हुआ है. जिसमें से 14 दिन काम नहीं हुआ और बचे हुए 14 दिन में 82 घंटे सदन चला. यह आंकड़े सदन के रिकॉर्ड के हैं. जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि 2 साल में सदन के हर विधायक को मात्र 2-3 मिनट बोलने के लिए मिला है, जो संसदीय परंपरा के लिए संक्रमण काल है. इतने कम समय में कैसे बात होगी?


बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं जीतू पटवारी के बयान पर भाजपा ने कांग्रेस को निशाने पर ले लिया है. भाजपा नेता और शिवराज सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी सड़कों के बाद अब सदन में भी दिखाई देने लगी है. कांग्रेस में चोरी और सीना जोरी चल रही है. ये उजागर हो चुका है. कांग्रेस में ये आगे और बढ़ेगी. मंत्री ने कहा कि कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष बनने की होड़ चल रही है.