MP Junior Doctors: मध्यप्रदेश में एक बार फिर जूनियर डॉक्टर हड़ताल की राह पर है. जूडा (Junior Doctors) ने मासिक स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग की है. इसे लेकर आज 11 मार्च को जूडा काली पट्टी बांधकर काम करेंगे. अगर 11 मार्च यानी आज तक मांगें नहीं मांगी गई तो जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने का कड़ा फैसला ले सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है. हालांकि एसोसिएशन ने हड़ताल का अभी कोई फैसला नहीं लिया है.


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दरअसल पिछले एक साल से स्टाइपेंड में बढ़ोतरी नहीं हुई है. ऐसे में जूनियर डॉक्टरों ने एक लाख रुपये मासिक स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग की है. इसके साथ ही सालाना वृद्धि का रुका हुआ काम पूरा करने की मांग भी की है.


जानिए जूनियर डॉक्टरों की मांग
- जूनियर डॉक्टरों ने मांग की है कि उनका मासिक स्टाइपेंड 1 लाख प्रति माह हो व सालाना वेतन वृद्धि का रुका काम पूरा हो.
- मध्यप्रदेश में चिकित्सा से शिक्षा की फीस बाकी राज्यों की तरह ही 10 से 15 हजार की जाए व यूनिवर्सिटी की फीस कम हो
- मध्यप्रदेश के सभी जूनियर डॉक्टरों को 5 साल का स्वास्थ्य बीमा मिले
-  मध्यप्रदेश से रूरल सर्विस बॉन्ड को खत्म किया जाए. वहीं अगर कोई चिकित्सक रूरल सर्विस पर जाता है तो उसको अतिरिक्त पचास हजार रुपए देने की मांग की है.


रूरल सर्विस बॉन्ड को लेकर विरोध
बता दें कि रूरल सर्विस बॉन्ड वालेडॉक्टरों को फिलहाल 59 हजार रुपये मिलते हैं. जबकि शहर में SRship (Senior Resident Ship) करने वाले डॉक्टर्स को 80 हजार रुपये वेतन मिलता है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर सर्विस देने वाले डॉक्टरों को काफी नुकसान है क्योंकि छात्रों को असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अलग से SRship करनी पड़ती है. जूडो इस बॉन्ड को समाप्त कराने की मांग कर रहे हैं.


जानकारी के मुताबिक शनिवार को जूडा एसोसिएशन ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री को भी अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था. वहीं इंदौर, ग्वालियर, भोपाल समेत कई जिलों के मेडिकल कॉलेजों की जूडा एसोसिएशन ने 11 मार्च के बाद आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाएगी.


रिपोर्ट - प्रमोद शर्मा